SDM Hanuman Ram Jail: राजस्थान में एक राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को जेल भेज दिया गया है. SOG ने RAS अधिकारी हनुमान राम जो जैसलमेर के फतेहगढ़ में SDM पद पर पदस्थापित है. लेकिन लेकिन SOG की टीम ने बुधवार (9 अप्रैल) को डिटेन कर जयपुर ले आई थी. वहीं, 10 अप्रैल को कोर्ट में पेशी के बाद SOG को एक दिन की रिमांड मिली थी. लेकिन SDM से पूछताछ के लिए SOG को 7 दिन की रिमांड मिली थी. वहीं अब पूछताछ पूरी होने के बाद फिर से SDM हनुमान राम को कोर्ट में पेश किया गया. तो कोर्ट ने SDM को जेल भेज दिया है.
बताया जा रहा है कि SDM हनुमान राम को कोर्ट ने 29 अप्रैल तक की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. बता दें, हनुमान राम पर आरोप है कि SI भर्ती परीक्षा में दो बार डमी कैंडिडेट बनकर परीक्षा दी थी.
RAS बनने के बाद फर्जी परीक्षार्थी बनकर दिया था एग्जाम
हनुमान राम ने RAS परीक्षा 2021 में 22वीं रैंक हासिल की थी और जुलाई 2021 में परिणाम आने के बाद वह SDM के पद पर नियुक्त दिसंबर में ट्रेनिंग शुरू हुई थी. लेकिन इसी बीच सितंबर 2021 में, यानि RAS बनने के बाद, उसने नरपतराम और रामनिवास की जगह फर्जी परीक्षार्थी बनकर एसआई भर्ती परीक्षा में हिस्सा लिया.
यह मामला तब उजागर हुआ जब जोधपुर पुलिस ने नरपतराम और उसकी पत्नी इंद्रा को गिरफ्तार कर एसओजी के हवाले किया. पूछताछ में नरपत ने खुलासा किया कि एसआई भर्ती परीक्षा में उसकी जगह हनुमाना राम ने परीक्षा दी थी. बाद में जब एसओजी ने हनुमाना राम से गहन पूछताछ शुरू की, तो रामनिवास की जानकारी भी सामने आ गई.
कौन हैं SDM हनुमान राम
SDM हनुमान राम साल 2021 RAS की परीक्षा पास की थी. जबकि इससे पहले वह लिपिक पद पर भी नौकरी कर चुके हैं. हनुमाना राम बाड़मेर के चौहटन क्षेत्र के धनाऊ के पास बिसरणियां गांव के रहने वाले हैं. गांव से थोड़ी दूरी पर उनकी ढाणी है. जहां हनुमान राम का परिवार रहता है. हनुमान राम का परिवार एक किसान परिवार है और उसके पिता कोशलाराम किसानी करते थे लेकिन अब एक हादसे में सिर में चोट लगने की वजह इलाजरत हैं. SDM बनने से पहले हनुमाना राम जालोर से अपनी पढ़ाई की. अपनी मेहनत और लगन से पढ़ाई कर पहले लिपिक और बाद में RAS परीक्षा पास कर SDM बने. लेकिन अब हनुमान राम पर डमी कैंडिडेट बनकर SI भर्ती में परीक्षा देने का आरोप लगा है. जबकि उनके परिवार का कहना है कि इस बारे में उन्हें कुछ नहीं पता है. उनके भाई का कहना है कि हमने तो बड़ी रकम भी नहीं देखी जो हनुमान घर लेकर आया हो. हम आज भी किसानी करते हैं.
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