Deeg Mahotsav: डीग महोत्सव के उपलक्ष्य में जल महलों में शुक्रवार (11 अक्टूबर) शाम 5 बजे रंगीन फव्वारों का आयोजन किया गया. डीग में जलमहल के भीतर 2000 हजार से भी अधिक फव्वारे हैं. यहां साल में तीन बार महल में रंगीन फव्वारे चलते हैं और दूरदराज से इस महल में कलाकार आते है. महल के हर कोने में लग इन फव्वारों की खासियत यह है कि यह बिना बिजली और मोटर के चलते हैं. यह बगैर बिजली और मोटर के चलते है. यहां तापमान में जबरदस्त बदलाव के चलते ठंडक भी बनी रहती है.
महल के ऊपर निर्मित कुंड से चलता है फव्वारा
महाराजाओं ने इस महल का निर्माण ऐसे करवाया था कि महल के चारों तरफ तालाब है और महल के नीचे केनाल नहर है, जो दोनों तालाबों को जोड़ती है. इन फव्वारों को चलाने के लिए महल के ऊपर एक कुंड है, जिसमें पानी को इकट्ठा करके फव्वारों को चलाया जाता है.
रात 8 बजे जलमहलों में सांस्कृतिक कार्यक्रमो का आयोजन किया गया. इसमें मयूर नृत्य, फूलों की होली और कई कार्यक्रम आयोजित किए गए. सिंगर वंदना मिश्रा ने भजन और फिल्मी गाने गाए और लोगों ने इसका जमकर लुत्फ उठाया. हालांकि इस बार प्रचार-प्रसार की कमी के चलते पर्यटक ज्यादा नहीं पहुंचे.
हर साल प्रदेशभर से आते हैं कलाकार
एनडीटीवी ने कलाकारों से बात की तो उन्होंने कहा कि हमें अपनी संस्कृति को जीवित रखना है. इसी वजह से हम हर कार्यक्रम में डीग जल महल में पहुंचते हैं और लोगों को प्रेरित करते हैं. डीग एडिशनल एसपी ने बताया कि महोत्सव के लिए महल के भीतर करीब 65 पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं.
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