जयपुर में HPCL पाइपलाइन से डीजल चोरी के नेटवर्क का भंडाफोड़, सुरंग से लगाई सेंध... मास्टरमाइंड गिरफ्तार

पाइपलाइन में छेद कर वॉल्व लगाकर एक पतला पाइप सुरंग से मकान के अंदर तक खींचा गया था. किसी को शक न हो, इसके लिए पूरे मकान में पानी की बोतलों का रखा गया था और पिकअप पर ऊपर तक जाल लगाया हुआ था.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
HPCL पाइपलाइन से डीजल चोरी के नेटवर्क का भंडाफोड़

Rajasthan News: जयपुर में बीते दिनों एचपीसीएल की पाइपलाइन से डोजल चोरी के 17 साल पुराने नेटवर्क का भंडाफोड़ हो गया है. पुलिस ने दिल्ली के विकासपुरी से डीजल चोरी के सरगना और उसके साथ को गिरफ्तार कर लिया है. नेटवर्क के सरगना पर कुल 19 मामले दर्ज हैं. वह ईंधन का टैंकर चलाते-चलाते पाइपलाइन का पूरा सिस्टम समझ गया और फिर राजस्थान व हरियाणा में कई जगह मकान किराए पर लेकर सुरंग के जरिए डीजल चोरी की घटना को अंजाम दे चुका है.

06 जून को डीजल चोरी का पता चला

दरअसल, जयपुर के बगरू क्षेत्र के दहमीकलां गांव में एचपीसीएल (HPCL) की पाइपलाइन से डीजल चोरी का उस समय पता चला, जब 6 जून को पाइपलाइन में अचानक प्रेशर गिर गया. कंट्रोल रूम को तुरंत शक हुआ कि कहीं कोई सेंध तो नहीं लगी. जानकारी पर पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और पाइपलाइन के आसपास बने नए मकानों की रेकी शुरू की. इसी दौरान मणिपाल यूनिवर्सिटी के पास एक कॉलोनी में पैक्ड पानी की बोतल सप्लाई करने की आड़ में संदिग्ध मूवमेंट का पता चला.

तीन दिन तक बिना किसी को शक हुए पुलिस ने संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी और फिर बाद में जब एक मकान पर छापा मारा तो पूरे खेल का पता चल गया. घर के भीतर से जमीन में लगभग 15 फीट लंबी सुरंग मिली जो सीधे एचपीसीएल की लाइन तक जाती थी.

सुरंग बनाकर पाइपलाइन में लगाया वॉल्व 

पाइपलाइन में छेद कर वॉल्व लगाकर एक पतला पाइप सुरंग से मकान के अंदर तक खींचा गया था. उसी पाइप से डीज़ल को छोटे-छोटे ड्रमों में भरा जाता और फिर पिकअप के पीछे छिपाकर सप्लाई किया जाता. किसी को शक न हो, इसके लिए पूरे मकान में पानी की बोतलों का रखा गया था और पिकअप पर ऊपर तक जाल लगाया हुआ था. ताकि बोतलें ऊपर दिखें और नीचे डीज़ल के ड्रम छिपे रहें. पुलिस ने मौके से असम के डिब्रूगढ़ निवासी राजेश उरांग को रंगे हाथ गिरफ्तार किया.

डीजल चोरी का 17 साल पुराना नेटवर्क 

पूछताछ में राजेश ने बताया कि यह कोई छोटा गैंग नहीं, बल्कि 17 साल से कई राज्यों में सक्रिय संगठित नेटवर्क था. गैंग का मुखिया दिल्ली निवासी श्रवण सिंह उर्फ स्वर्ण सिंह उर्फ सरदार है. उसके साथ उसका रिश्तेदार धर्मेंद्र वर्मा उर्फ रिंकू भी शामिल है. राजस्थान में 7 और हरियाणा सहित अन्य राज्यों में कुल 11 से ज्यादा मामले इनके नाम दर्ज हैं. कुछ ही दिनों बाद जयपुर पुलिस की सूचना पर दिल्ली क्राइम ब्रांच ने 3 दिसंबर को विकासपुरी से इन दोनों को गिरफ्तार कर लिया.

Advertisement

डीसीपी हर्ष इंदौरा के अनुसार स्वर्ण सिंह पर 19 मामले दर्ज हैं. पहला केस 1992 में दिल्ली एयरपोर्ट पर चोरी का था. ईंधन टैंकर चलाते-चलाते उसे पाइपलाइन सिस्टम की पूरी समझ हो गई थी. जयपुर, गुरुग्राम, कुरुक्षेत्र, बठिंडा और दिल्ली में वह पहले से कई जगह किराए पर मकान लेकर गुप्त सुरंगें और वॉल्व सिस्टम तैयार कर चुका था. उसका साथी रिंकू लोकेशन की रेकी, गाड़ियों की व्यवस्था, चोरी किए ईंधन की सप्लाई और खरीदारों से संपर्क संभालता था. चोरी का डीज़ल फैक्ट्रियों और ट्रांसपोर्ट चालकों को बेचा जाता था, वहीं एयर टर्बाइन फ्यूल का उपयोग वे मिट्टी के तेल की जगह भी करवाते थे.

रिपोर्ट- सोनू गंगवाल

यह भी पढ़ें-

राजस्थान: जले हुए हाथ-पैर, खोपड़ी... पास में पड़े मंगलसूत्र से हुई पहचान; महिला का कंकाल मिलने से हड़कंप

घातक हथियार से हमला और लूट की वारदात को अंजाम देने वाला इनामी बदमाश गिरफ्तार, 7 साल से था फरार

Advertisement