राजस्थान में पिछले कई वर्षों से परीक्षाओं में पेपर लीक और डमी कैंडिडेट के मामले सामने आते जा रहे हैं. राजस्थान पुलिस की विशेष टीम एसओजी लगातार ऐसे मामलों के खुलासे कर रही है और फर्जीवाड़े की तह तक पहुंचने का प्रयास कर रही है. एसओजी ने अपनी पड़ताल में एक ऐसे मामले को पकड़ा है जिससे पता चलता है कि परीक्षाओं में गड़बड़ी करना भी एक नौकरी की तरह बन गया था. इस मामले में एक ऐसा व्यक्ति पकड़ में आया है जिसका काम ही डमी कैंडिडेट बनकर दूसरे अभ्यर्थियों की जगह परीक्षा देना था. इसके बदले में उसे लाखों रुपये मिले.
वनरक्षक भर्ती परीक्षा 2020 से हुआ खुलासा
एसओजी ने वर्ष 2020 की वनरक्षक सीधी भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़े की जांच करते हुए पाया कि डालूराम मीणा नाम के एक ही उम्मीदवार ने कुल 8 परीक्षाओं में अलग-अलग अभ्यर्थियों के बदले में परीक्षा दी. एसओजी ने वनरक्षक भर्ती परीक्षा की जांच करते हुए पहले पाया कि भरतपुर जिले के भुसावर के एक अभ्यर्थी भरत मीना की जगह किसी दूसरे डमी कैंडिडेट ने परीक्षा दी थी.
इसके बाद जब जांच आगे बढ़ी तो एसओजी ने डालूराम मीणा से पूछताछ की जिसे इस साल अगस्त में जोधपुर से गिरफ्तार किया गया था. एसओजीए के एएसपी महेश चौधरी ने जानकारी दी कि डालूराम मीणा ने पूछताछ में स्वीकार किया कि वह डमी कैंडिटेड बना था.
वनरक्षक परीक्षा खेरापति के एकेएम सीनियर सेकंडरी स्कूल में 12 नवंबर 2022 को हुई थी. जांच में परीक्षा के आवेदन पत्र और एडमिड कार्ड पर फोटो और हस्ताक्षर भरत मीना से अलग निकले जो कि मूल अभ्यर्थी था. इसके बाद आगे ओएमआर शीट के साथ जब मिलान किया गया तो इस बात की पुष्टि हुई कि भरत मीना की जगह इस परीक्षा में किसी डमी कैंडिडेट ने परीक्षा दी.
डालूराम मीणा का कारनामा
डालूराम मीणा से पूछताछ में सामने आया है कि वह 8 परीक्षाओं में डमी कैंडिडट बना. यह 8 परीक्षाएं ये थीं -
- वनरक्षक सीधी भर्ती परीक्षा 2020
- ग्राम विकास अधिकारी, वीडीओ भर्ती परीक्षा 2021
- सीईटी 2022 स्नातक स्तर भर्ती परीक्षा
- सीईटी 2022 सीनियर सेकंडरी स्तर भर्ती परीक्षा
- पटवार भर्ती परीक्षा 2021
- पशु परिचर भर्ती परीक्षा 2023
- पुस्तकालयाध्यक्ष भर्ती परीक्षा 2022
- लैब एएसआई (भूगोल) भर्ती परीक्षा 2022
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