विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही उम्मीदवारों के नामों की घोषणाओं के बाद कार्यकर्ताओं में अपने पसंदीदा उम्मीदवार को टिकट नहीं मिलने से आक्रोश बढ़ने लगा है. भीलवाड़ा जिले की सात विधानसभा सीटों में 6 पर भाजपा ने अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं. वहीं कांग्रेस ने अपने 2 उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं.
भाजपा द्वारा सहाड़ा में उम्मीदवार बनाए गए लादू लाल पितलिया को लेकर उस क्षेत्र में विरोध के स्वर तेज होने लगे हैं. जाट समाज का कहना है कि 42 साल से सहाड़ा विधानसभा सीट से जाट समाज को प्रतिनिधित्व मिल रहा है. लेकिन इस बार समाज की अनदेखी की गई है.
जाट समाज भीलवाड़ा के जिला अध्यक्ष रामेश्वर लाल जाट के नेतृत्व में समाज के लोगों ने एक अहम बैठक करते हुए भाजपा को 29 तारीख तक का अल्टीमेटम दिया है.
उम्मीदवार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी
समाज के वरिष्ठ नेता रूप लाल जाट, सहाड़ा से पूर्व विधायक बालू लाल चौधरी और कई वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने एक स्वर में 29 तारीख तक टिकट नहीं बदलने पर भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ मोर्चा खोलने की चेतावनी दी है.
समाज का कहना है कि या तो भीलवाड़ा जिले की किसी भी विधानसभा सीट से जाट समाज के किसी भी व्यक्ति को उम्मीदवार बनाया जाए या फिर आश्वस्त किया जाए कि आगामी लोकसभा चुनाव में सांसद उम्मीदवार जाट समाज से ही होगा. यदि भाजपा ऐसा नहीं करती है तो समाज महापंचायत कर आगामी चुनाव को लेकर अपनी रणनीति तय करेगा.
जानिए क्यों है विरोध के स्वर
जिले की 7 विधानसभा सीटों में अभी तक भाजपा द्वारा जारी सूची में एक भी जाट प्रत्याशी नहीं है. इस क्षेत्र में सहाड़ा जाट समाज की 42 साल से सीट रही है. इस बार बाग़ी लादू लाल पितलिया को प्रत्याशी बनाने से कार्यकर्ताओं में ख़ासी नाराज़गी है.
यह है उनकी मांग
ज़िले की किसी भी विधान सभा सीट से जाट व्यक्ति को प्रतिनिधित्व मिले या लोकसभा चुनाव में किसी जाट व्यक्ति को मौका मिले.
ये पड़ेगा असर
भीलवाड़ा ज़िले में जाट समाज अपनी ख़ासी पकड़ रखता है. सहाड़ा विधानसभा सीट पर भी जाट मतदाता किसी भी प्रत्याशी की जीत हार का माद्दा रखते हैं. इनकी नाराजगी से भाजपा को नुक़सान उठाना पड़ सकता है. जिसका फायदा कांग्रेस को मिल सकता है.