आचार संहिता लागू होने के बाद 48 घंटे में सी विजिल ऐप पर मिली 500 से अधिक शिकायतें, 100 मिनट में निस्तारण

प्रदेश में आदर्श आचार संहिता के लागू होने के महज 48 घंटे में ही प्रदेश भर से 500 से ज्यादा शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें से रिटर्निंग ऑफिसर्स ने 134 शिकायतों को सही पाया और उनका निस्तारण किया गया.

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प्रतीकात्मक चित्र

राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन पर कड़ी निगरानी रखने के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा बनाए सी विजिल ऐप (cVIGIL App) शिकायतों के समाधान का बेहतरीन जरिया बनता जा रहा है. ऐप के माध्यम से प्राप्त शिकायतों का तुरंत समाधान किया जा रहा है. मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि विधानसभा आम चुनाव 2023 में यह ऐप खासा मददगार साबित हो रहा है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में आदर्श आचार संहिता के लागू होने के महज 48 घंटे में ही प्रदेश भर से 500 से ज्यादा शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें से रिटर्निंग ऑफिसर्स ने 134 शिकायतों को सही पाया और उनका निस्तारण किया गया.

उन्होंने बताया 115 शिकायतें रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा खारिज की गई, जबकि 6 शिकायतें अभी जांच दलों और रिटर्निंग ऑफिसर्स के द्वारा निर्णय के लिए लंबित हैं. शेष 242 शिकायतों को जिला नियंत्रण कक्ष की टीम ने अपने स्तर पर खारिज कर दी.

सबसे अधिक 79 शिकायतें जयपुर जिले से मिली
गुप्ता ने कहा कि सी विजिल पर आदर्श आचार संहिता की सबसे ज्यादा शिकायतें 79 जयपुर जिले से प्राप्त हुईं, और सबसे ज्यादा कार्यवाही भी जयपुर जिले के रिटर्निंग आफिसर्स ने की. यहां 37 शिकायतों का निस्तारण किया गया. उन्होंने कहा इस ऐप के माध्यम से अधिकतम सौ मिनट की समय सीमा में प्राप्त शिकायतों का समाधान किया जा सकता है.

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मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि अब तक आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों पर पर्याप्त सबूतों के अभाव में कड़ी कार्रवाई से बच जाते थे. शिकायत के सत्यापन में तस्वीर या वीडियो के रूप में दस्तावेजी साक्ष्य की कमी भी बाधा थी अब यह नया ऐप इन सभी खाइयों को पाटने का काम कर रहा है.

कैसे काम करता है सी-विजिल

सी-विजिल किसी भी व्यक्ति को आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की रिपोर्ट करने की अनुमति देता है. आम लोग इस ऐप का इस्तेमाल करके घटना की जानकारी भेज सकता है. सौ मिनट की समय सीमा में अधिकारी समस्या का निस्तारण करेंगे. इस ऐप की सबसे खास बात यह है कि शिकायतकर्ता की पहचान गोपनीय रखी जाने का भी विकल्प है. यह ऐप एंड्रॉयड और आईओएस, दोनों प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है.

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एंड्रॉयड यूजर इसे गूगल प्ले स्टोर से और एपल यूजर ऐप स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं. इंस्टॉल करने पर कैमरा, लोकेशन, ऑडियो और फाइल्स एक्सेस करने की अनुमति मांगी जाती है. मोबाइल नम्बर रजिस्टर करने के बाद उपयोगकर्ता को नाम, पता, राज्य, जिला, विधानसभा क्षेत्र और पिन कोड की जानकारी देनी होगी. ऐप का होम पेज खुल जाएगा, जहां आपको फोटो, वीडियो और ऑडियो के विकल्प मिलेंगे. जहां आप अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं.

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