बारां में नहीं दूर हो सकी पानी की किल्लत, मतदान का विरोध करेंगे आदिवासी क्षेत्र के लोग

आदिवासी अंचल क्षेत्र में इस साल कम बारिश होने के कारण नदियां, कुएं, तालाब सूखे हैं और पृथ्वी का भूजल स्तर भी अभी से गिरता जा रहा है.

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पानी की किल्लत झेलत बारां के लोग

Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान चुनाव में नेता अपनी तैयारियों में जुटे हैं ताकि अधिक से अधिक मतदातओं को अपने पाले में लाया जा सके. जनसुविधाओं से जुड़े मुद्दों के लिए आम जनता को खुद आवाज उठाना पड़ रहा है. बारां जिले के लोग पानी से जुड़ी समस्या के समाधान की मांग को लेकर सालों से परेशान हैं लेकिन प्रतिनिधि को उनकी समस्याओं की समाधान की फिक्र नहीं रही. अब एक बार फिर प्रदेश में चुनाव है और इस बार जनता ने मतदान से बहिष्कार करने का मन बनाया है.

बारिश नहीं होने पड़ गया है सूखा

बारां जिले के शाहबाद किशनगंज आदिवासी अंचल क्षेत्र में इस साल कम बारिश होने के कारण नदियां, कुएं, तालाब सूखे हैं और पृथ्वी का भूजल स्तर भी अभी से गिरता जा रहा है. ऐसे में गर्मी में उत्पन्न होने वाली पेयजल की समस्या इस बार सर्दी के मौसम शुरू होने से पहले ही पैदा हो गई है. क्षेत्र में पेयजल की समस्या लोगों के लिए परेशानी का सबक बनती जा रही है.

दूर से पानी लाने को मजबूर ग्रामीण

समस्याओं का समाधान नहीं कर रहे अधिकारी

जगह-जगह हैंडपंप, ट्यूबवेल खराब पड़े हुए हैं लोगों को आवश्यकता के अनुरूप पानी का जुगाड़ करना पड़ रहा है या मिलों दूर से पानी लाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. इस संबंध में कई बार लोगों ने संबंधित विभाग के अधिकारियों और यहां कि विधायक निर्मला सहरिया को अवगत कराया लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं हो पा रहा है.

लोगों का कहना है कि सर्दी शुरू होते ही अभी से पानी की इतनी विकट समस्या हो रही है तो आने वाले गर्मी के दिनों में क्या हालात होंगे. क्षेत्र के लोगों ने खराब पड़े ट्यूबवेल और पानी की टंकियां को दुरुस्त करवाकर पेयजल मुहैया करने की मांग प्रशासनिक अधिकारियों से की है.

गहलोत सरकार में नहीं हुआ समाधान

लोगों ने कहा पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कांग्रेस की विधायक निर्मला सहरिया हैं तो राजस्थान सरकार में कांग्रेस की सरकार भी थी लेकिन विधायक निर्मला सहरिया द्वारा इन 5 सालों में क्षेत्र में पेयजल के समुचित व्यवस्था नहीं कर पाई.  आगामी कुछ दिनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और हम चुनावों में क्षेत्र के लोग मतदान का बहिष्कार करेंगे.

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