Rajasthan: राजस्थान में फर्जी IAS गिरफ्तार, 'स्पेशल-26' की तरह होटल में इंटरव्यू कराया, फिर 14 युवाओं से ठगे लाखों रुपये

Rajasthan Fake IAS: राजस्‍थान में फर्जी IAS युवाओं को महंगे होटल में बुलाकर इंटरव्‍यू कराता था, और ज्‍वाइन‍िंग से लेकर मेड‍िकल प्रक्रिया पूरी करने का नाटक करता था. 

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पुल‍िस ने फर्जी आईएएस को ग‍िरफ्तार क‍िया है.

Rajasthan Fake IAS: राजस्थान में फर्जी भर्ती निकालकर युवाओं को सरकारी नौकरी का झांसा देकर लाखों की ठगी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है. पुलिस ने गैंग के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया है. यह ठग खुद को IAS अधिकारी बताकर महंगे होटलों में इंटरव्यू आयोजित करता था, और युवाओं से मोटी रकम ऐंठता था. मामले में पहले ही दो आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जबकि] मास्टरमाइंड को अब गिरफ्तार किया गया.

स्पेशल-26 स्टाइल में ठगी

पूरी ठगी का तानाबाना अक्षय कुमार की फिल्म ‘स्पेशल-26' की तर्ज पर बुना गया था. फर्जी IAS अधिकारी बनकर पीड़ितों से संपर्क साधा जाता, उन्हें महंगे होटलों में बुलाकर इंटरव्यू किए जाते और फिर फर्जी जॉइनिंग लेटर देकर मोटी रकम वसूली जाती थी. गिरोह के एक सदस्य को डॉक्टर की भूमिका दी गई थी, जो जॉइनिंग से पहले मेडिकल प्रक्रिया पूरी करने का नाटक करता था.

ठगी में 6 लोग शाम‍िल थे 

गिरफ्तार मास्टरमाइंड समेत इस ठगी में कुल 6 लोग शामिल थे. हर सदस्य की एक खास भूमिका तय थी . फर्जी IAS अधिकारी बनकर युवाओं और उनके परिवारों को प्रभावित करना. फर्जी पीए और बिचौलिए बनकर नौकरी के लिए पैसों की डील करना. मेडिकल जांच अधिकारी बनकर भर्ती प्रक्रिया को असली जैसा दिखाना. फर्जी जॉइनिंग लेटर तैयार करने वाले तक थे, ज‍िससे पीड़ितों को किसी शक की गुंजाइश न हो.

2 जुलाई 2023 में मामला दर्ज हुआ था 

गिरोह के खिलाफ पहला मामला 2 जुलाई 2023 को दर्ज हुआ था, जब सेना से रिटायर्ड मानसिंह नामक व्यक्ति ने मुरलीपुरा थाने में शिकायत दर्ज कराई थी.शिकायतकर्ता का छोटा भाई सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा था, और उसकी मुलाकात बगरू के पूर्व पार्षद अनिल कुमार मीणा से हुई.अनिल ने बताया कि उसके परिचित अभिषेक शर्मा की बड़े अधिकारियों से सीधी सेटिंग है और अभी 58 सरकारी पदों की भर्ती उसी के नियंत्रण में है.

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20 मार्च को मास्‍टरमाइंड ग‍िरफ्तार 

जब पीड़ितों ने वादे के मुताबिक जॉइनिंग नहीं होने पर दबाव बनाना शुरू किया, तो ठगों ने बहाने बनाकर उन्हें टालना शुरू कर दिया. पीड़ितों को शक हुआ और जब उन्होंने गहराई से जांच की, तो फर्जी IAS और पूरी भर्ती प्रक्रिया की पोल खुल गई. इसके बाद मामले की शिकायत पुलिस में की गई और जांच के दौरान गैंग के दो सदस्य पहले ही गिरफ्तार हो चुके थे.मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी 20 मार्च को हुई.

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