Rajasthan: सरपंच के चुनाव में फर्जी मार्कशीट लगाकर चुनाव लड़ने के मामले में कोर्ट ने पूर्व महिला सरपंच को 3 साल का कारावास की सजा और जुर्माना लगाया है. करीब 10 साल पहले 2015 में मामला दर्ज हुआ था. अब एसीजेएम कोर्ट बेगू ने अहम फैसला सुनाया है. साल 2015 में मेघनिवास ग्राम पंचायत में सरपंच का चुनाव हुआ था. रतनी बाई रेगर निर्विरोध चुनी गई थीं. सरपंच चुनाव के लिए 8वीं पास होना अनिवार्य है. रतनी बाई रेगर ने 8वीं पास की फर्जी मार्कशीट लगाकर चुनाव लड़ गई थीं.
रतनी बाई रेगर के खिलाफ की थी शिकायत
मेघनिवास ग्राम पंचायत के बाबू लाल पुत्र धौली राम रेगर ने निर्विरोध चुनी गईं सरपंच रतनी बाई रेगर के शैक्षणिक दस्तावेज को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी. रतनीबाई ने नामांकन पत्र में मध्य प्रदेश के झांतला शासकीय स्कूल के शैक्षणिक दस्तावेज प्रस्तुत किए थे. जांच के दौरान संबंधित स्कूल ने ये रिपोर्ट दी थी कि उनके स्कूल से कक्षा आठवीं का कोई दस्तावेज जारी नहीं हुआ.
एससी महिला वर्ग में कोई भी 8वीं पास प्रत्याशी नहीं मिला था
मेघनिवास ग्राम पंचायत एससी महिला वर्ग के लिए आरक्षित थी. एससी वर्ग में कोई भी महिला प्रत्याशी 8वीं पास नहीं मिली थी. रतनी देवी रेगर का एक मात्र नामांकन आने पर निर्विरोध सरपंच घोषित किया गया था. चुनाव में फर्जी मार्कशीट लगाकर चुनाव लड़ने का मामला 2015 से विचाराधीन चल रहा था. मामले में बेगू कोर्ट के न्यायाधीश डॉ. पीयूष जैलिया ने फैसला सुनाया. तत्कालीन मेघनिवास की सरपंच रतनी बाई रेगर पत्नी पप्पू रेगर को तीन साल का साधारण कारावास की सजाई सुनाई.
कोर्ट ने आम जनता के साथ धोखा बताया
न्यायाधीश डॉ. पीयूष जैलिया ने अपने फैसले में अभियुक्त द्वारा ग्राम पंचायत चुनाव में अपनी पढ़ाई की योग्यता की शर्त पूरी करने के लिए फर्जी मार्कशीट प्रस्तुत करने को ना केवल रिटर्निंग अधिकारी बल्कि आम जनता के साथ धोखा बताया है. मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 13 गवाह और 33 दस्तावेज पेश किए गए हैं. कोर्ट ने इसे धोखाधड़ी मानते हुए धारा 420 के तहत 3 साल साधारण कारावास और एक हजार रुपए जुर्माना लगाया. धारा 471 के तहत 2 साल साधारण कारावास और एक हजार रुपए जुर्माना तथा धारा 125ए के तहत 6 माह साधारण कारावास और एक हजार रुपए जुर्माना लगाया है. सभी सजा एक साथ चलेंगे.
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