रविंद्र सिंह भाटी पर अशोक गहलोत ने दिया बड़ा बयान, हनुमान बेनीवाल को लेकर भी कह दी ये बात

इस बार लोकसभा चुनाव में राजस्थान की बाड़मेर-जैसलमेर सीट खासी चर्चा में रही है. इस सीट को लेकर पूर्व सीएम अशोक गहलोत पर बड़े आरोप लगे.

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रविंद्र भाटी पर अशोक गहलोत का बड़ा बयान

Ashok Gehlot: राजस्थान में 25 सीटों पर लोकसभा चुनाव के लिए वोटिंग हो चुकी है. इस बार के लोकसभा चुनाव में राज्य की बाड़मेर-जैसलमेर सीट खासी चर्चा में रही है. इस सीट से रविंद्र सिंह भाटी निर्दलीय, भाजपा से कैलाश चौधरी और उम्मेदाराम बेनीवाल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे है. पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश गहलोत पर आरोप लगे कि लोकसभा चुनाव में उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र भाटी का सहयोग किया. 

राज्य में दोनों चरणों की वोटिंग के बाद बाद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को एक चैनल को दिए इंटरव्यू में निर्दलीय प्रत्याशी का सहयोग करने के आरोप पर जवाब दिया. इसके अलावा उन्होंने हनुमान बेनीवाल के गठबंधन धर्म नहीं निभाने को लेकर भी बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि आप सोच सकते हैं, ऐसे भी लोग राजनीति में हैं जो आरोप भी लगाना नहीं जानते. ऐसे बेवकूफ लोगों की देश में कमी नहीं है.

रविंद्र सिंह भाटी पर दिया बड़ा बयान

बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी के सहयोग करने के आरोप पर गहलोत ने कहा कि मैंने इस तरह के आरोप के बारे में सुना नहीं. मैं व्यक्तिगत रूप से रविंद्र सिंह भाटी को जानता तक नहीं हूं. हां सोशल मीडिया पर कभी-कभी देखता रहता हूं, वो छात्रसंघ अध्यक्ष रहे हैं और विधानसभा के सदस्य हैं. 

जहां तक सहयोग करनी की बात है. मैंने खुद बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा क्षेत्र में बाड़मेर, जैसलमेर और सिवाना में तीन रैलियां की हैं. कांग्रेस प्रत्याशी ने खुद मुझे बुलाया और उनके बुलावे पर मैं गया. ऐसे में कोई कैसे कह सकता है, मैने कांग्रेस प्रत्याशी का सहयोग नहीं किया. राज्य में सबसे पहली सीट, जहां कांग्रेस सबसे मजबूत है, वह यहीं सीट है.

हनुमान बेनीवाल पर क्या बोले अशोक गहलोत

इसके अलावा अशोक गहलोत ने हनुमान बेनीवाल द्वारा गठबंधन धर्म नहीं निभाने के सवाल पर कहा कि हनुमान बेनीवाल को ऐसा नहीं करना चाहिए था. चाहे किसी भी पॉलिटिकल पार्टी का नेता हो, उसे ऐसा बयान नहीं देना चाहिए. जब वो इंडिया गठबंधन में आ गए तो गठबंधन धर्म निभाना चाहिए और किसी भी पॉलिटिकल पार्टी का नेता हो, उसे शब्दों का चयन सोच समझ कर करना चाहिए. साथ उन्होंने हनुमान बेनीवाल के इंडिया गठबंधन के साथ रहने के सवाल पर कहा कि ये वक्त ही बतायेगा.

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