किसानों की मांग को लेकर धरने पर बैठे पूर्व मंत्री, कहा- लंबे समय से किया जा रहा था नजरअंदाज

Rajasthan Farmers Demands: राजस्थान में किसानों के कई मुद्दों को लेकर पूर्व मंत्री धरने पर बैठ गए हैं. पूर्व मंत्री का आरोप है कि किसानों की मांगों पर ध्यान नहीं दिए जाने से उन्होंने यह कदम उठाया है.

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धरने पर बैठे पूर्व मंत्री सुखराम बिश्नोई

Sukhram Bishnoi Strike: राजस्थान के सांचौर में किसानों की समस्याओं से जुड़ी मांगों को लेकर पूर्व मंत्री सुखराम बिश्नोई ADM कार्यालय के सामने निश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं. किसान लंबे समय से आदान अनुदान और बीमा क्लेम की राशि देने की मांग कर रहे थे. लेकिन उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा था, जिसके चलते पूर्व मंत्री सुखराम बिश्नोई ने किसानों की मांगों को जायज बताते हुए किसानों के समर्थन में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है.

क्या है किसानों की मांग, जिसको लेकर धरने पर बैठे मंत्री

बता दें कि किसानों की प्रमुख मांगों में वर्ष 2022 के कृषि आदान-अनुदान की राशि का भुगतान मुख्य मांग है. इसके अलावा बीमा कंपनी द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ और रबी सीजन 2023 का बीमा भुगतान चितलवाना तहसील की कई ग्राम पंचायत को नहीं किया गया है. 

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किसानों की निरस्त की गई बीमा पॉलिसी को बहाल करने और फसल नुकसान की सूचना देने वाले किसानों को बीमा क्लेम का भुगतान करना उनकी मांग में शामिल है. साथ ही फसल कटाई सर्वे में स्थानीय जन प्रतिनिधियों की भागीदारी की भी मांग की जा रही है.

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इसके अलावा बिजली बिलों को लेकर भी किसान परेशान है. सांचौर के तीनों खंडो में एक साथ भारी भरकम बिल आए हैं, इतनी बड़ी राशि किसान एक साथ जमा करवाने में असमर्थ है. उनकी मांग है कि बिलों में लगी पेनल्टी और सरचार्ज हटाकर किस्तों में राशि ली जाए. साथ ही नर्मदा नहर के कारण बंजर हुई जमीन का मुद्दा, सड़क, बिजली सहित अन्य मांगों को लेकर यह अनशन शुरू किया गया है.

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