Rajasthan News: राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) का सदस्य बनने के लिए कथित तौर पर दी गई रकम का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है. इसी मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने ऑफिशियल X हैंडल से राहुल गांधी और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. BJP ने आरोप लगाया कि पेपर लीक करके कांग्रेस ने युवाओं का भविष्य एकलव्य के अंगूठे की तरह काट दिया है.
1.20 करोड़ रुपये की डील से RPSC में बनाया सदस्य
भाजपा ने कहा कि राजस्थान कांग्रेस पार्टी की सरकार में 1.20 करोड़ रुपये की डील से आरपीएससी में सदस्य बनाया गया और दो किस्तों में 40 लाख रुपये कांग्रेस नेता को दिए गए. भाजपा ने इसे कांग्रेस का 'खटाखट मॉडल' बताते हुए कहा कि भ्रष्टाचार में निवेश करो, अपराध से वसूली करो और युवाओं का भविष्य बर्बाद करो.
1 करोड़ 20 लाख पूर्व जिला अध्यक्ष खोडनिया को देने की बनी थी सहमति
दरअसल, इस मामले में ED की चार्जशीट का हवाला देते हुए कहा गया कि बाबूलाल कटारा ने RPSC का सदस्य बनने के लिए कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष खोडनिया को 1 करोड़ 20 लाख रुपये देने पर सहमति जताई थी. यह पेमेंट पांच साल में हर साल 20 लाख रुपये के हिसाब से किया जाना था. शुरुआत में 40 लाख रुपये दिए जा चुके थे.
BJP के एक्स पर शेयर पोस्ट
Photo Credit: Social Media X
खोडानिया ने आरोपों को पूरी तरह से नकारा
दूसरी तरफ, पूर्व जिला अध्यक्ष दिनेश खोडानिया ने इन आरोपों को पूरी तरह से नकार दिया है. खोडानिया ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उन्हें ED से क्लीन चिट मिल गई है. उनके घर से जब्त किए गए 24 लाख रुपये भी रिलीज कर दिए गए हैं. यह मामला ढाई साल पुराना है और कोर्ट ने ट्रिब्यूनल में उन्हें बरी कर दिया है. खोडानिया ने आशंका जताई कि उनकी ही पार्टी के कुछ लोग इस मामले को तूल देने में शामिल हो सकते हैं और वह उनके खिलाफ मानहानि का केस करेंगे.
दिनेश खोड़निया के खिलाफ आरोपों कटारा ने बताया था झूठा
इस मामले में 28 फरवरी, 2024 को उदयपुर की सेंट्रल जेल में बंद बाबूलाल कटारा ने कोर्ट में आरोपी दिनेश खोडानिया के खिलाफ आरोपों से इनकार किया. कोर्ट में पेश किए गए वाद के अनुसार, वाद के पैराग्राफ 1 से 9 में दिए गए बयानों को जानकारी के अभाव में खारिज कर दिया गया. पैराग्राफ 10 में दिए गए बयानों को झूठा और गुमराह करने वाला बताया गया.
पुराने बयान दबाव में, निष्कर्ष न निकालें
बाबूलाल ने कोर्ट को बताया कि पूछताछ के दौरान ED अधिकारियों ने उनके सामने कई नामों की एक लिस्ट रखी थी, लेकिन उनके अनुसार आरोपों में कोई सच्चाई नहीं थी. कटारा ने यह भी कहा कि पुराने बयान दबाव और गलतफहमी में दिए गए थे. उन्होंने कोर्ट से रिक्वेस्ट की कि पुराने बयानों के आधार पर कोई नतीजा न निकाला जाए.
यह भी पढ़ें: SI Paper Leak: 1.20 करोड़ में डील, कांग्रेस नेताओं की सिफारिश... बवाल के बाद दिनेश खोड़निया की सफाई