पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया के महाराणा प्रताप को लेकर बयान पर पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप थे इसलिए आज हम हैं. महाराणा प्रताप के बलिदान व स्वाभिमान के कारण ही आज देश अपनी अस्मिता के साथ खड़ा है.
खाचरियावास ने कहा कि महाराणा प्रताप ने कभी बादशाहों के सामने सिर नहीं झुकाया और किसी भी प्रकार के समझौते को स्वीकार नहीं किया. उन्होंने मातृभूमि की भक्ति का ऐसा उदाहरण प्रस्तुत किया जो आज भी प्रेरणा देता है. उन्होंने कहा कि शूरवीर, स्वाभिमान के प्रतीक और क्षत्रिय कुल शिरोमणि महाराणा प्रताप भारत के धर्म, संस्कृति, नीति, सिद्धांत, देशभक्ति और स्वाभिमान के प्रतीक हैं. उनकी देशभक्ति से पूरी दुनिया प्रेरणा लेती है.
क्या था गुलाब चंद कटारिया ने ?
22 दिसंबर को एक कार्यक्रम में गुलाबचंद कटारिया ने कहा था कि महाराणा प्रताप का नाम आप कांग्रेस के राज में सुनते थे. इस महाराणा प्रताप को पहली बार जिंदा करने का काम जनता पार्टी ने किया. पहली बार विधायक भूरा भाई MLA बनकर आए थे और पहली विधानसभा में सरकार बनाई थी. तब हमने विकास का पैसा गोगुंदा में भेजा था या नहीं? अब हल्दीघाटी भी जानी जाती है, पोखरगढ़ भी जाना जाता है, और चावंड भी जाना जाता है.
मायरे की गुफा थी कि नहीं? तुम्हें इतने साल दिखती थी? हमने सड़क बनाई, रास्ते बनाए. उदय सिंह जी की छतरी यहां बनाई. इस बात को कौन याद रखता है? हम लोगों का काम करने का तरीका जनता के लिए है, हमारे लिए नहीं है. आपका पैसा आप तक पहुंचाते हैं. हम टांका नहीं मारते हैं, सही पहुंचाते हैं.
''भील समुदाय का सहयोग नहीं होता तो क्या महाराणा प्रताप युद्ध लड़ पाते?''
अपने संबोधन में गुलाबचंद कटारिया ने बाप पार्टी पर निशाना साधते हुए यह भी कहा था कि जो लोग खुद को हिंदू नहीं मानते, वे यह बताएं कि महाराणा प्रताप की सेना में कैसे आए. उन्होंने यह भी कहा था कि अगर स्थानीय आदिवासी और भील समुदाय का सहयोग नहीं होता तो क्या महाराणा प्रताप युद्ध लड़ पाते. कटारिया के इस बयान के सामने आने के बाद राजनीतिक और सामाजिक हलकों में नाराजगी बढ़ गई है.
'क्षत्रिय करणी सेना' ने दी धमकी
'क्षत्रिय करणी सेना' के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज शेखावत ने महाराणा प्रताप की विरासत को लेकर कटारिया की कथित हालिया टिप्पणी पर नाराजगी जताते हुए सोशल मीडिया मंच पर 'धमकी भरी' पोस्ट लिखी है. उदयपुर के पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है और इसकी जांच की जा रही है. उन्होंने बताया कि अब तक कटारिया की ओर से कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है.