Rajasthan: धौलपुर के चंबल इलाके में बजरी माफियाओं ने पुलिस पर की फायरिंग, नाकाबंदी तोड़ कर हुए फरार  

Firing On Police: सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रतिबंधित बजरी खनन पुलिस और प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रहा है. बजरी परिवहन धौलपुर जिले में संगठित अपराध का रूप ले रहा है.

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Dholpur News: धौलपुर के कोतवाली थाना इलाके में एनएच 44 स्थित सागर पाडा चेक पोस्ट के पास पुलिस और बजरी माफिया फिर एक बार आमने-सामने हो गए. पुलिस ने नाकाबंदी कर बजरी माफियाओं को रोकने का प्रयास किया, लेकिन तेज रफ्तार में ट्रैक्टर ट्राली को लेकर और पुलिस पर फायरिंग करते हुए आरोपी फरार हो गए हैं. 

सीओ मुनेश मीणा ने बताया कि देर रात को मध्य प्रदेश के मुरैना जिले की तरफ से बजरी से भरे आधा दर्जन से अधिक ट्रैक्टर ट्रॉली के धौलपुर में आने की सूचना मिली थी. एनएच 44 पर सागरपाड़ा चौकी पर पुलिस की टीम के द्वारा नाकाबंदी की जा रही थी. नाकाबंदी को देख माफियाओं ने फायरिंग कर दी गई. फायरिंग की सूचना के बाद अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया है. गनीमत यह रही कि फायरिंग में कोई भी हताहत नहीं हुआ है. बजरी माफिया अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गए हैं. 

बजरी परिवहन ले रहा संगठित अपराध का रूप

सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रतिबंधित बजरी खनन पुलिस और प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रहा है. बजरी परिवहन धौलपुर जिले में संगठित अपराध का रूप ले रहा है. चंबल के आसपास बसे गांव के ग्रामीण इस अपराध में अधिक सक्रिय हो रहे हैं. समय-समय पर पुलिस द्वारा कार्रवाई की जाती है, लेकिन बेलगाम बजरी माफियाओं पर पूरी तरह अंकुश लगाने में जिला पुलिस नाकाम साबित हो रही है.

पुलिस को अन्य विभागों का नहीं मिल रहा सहयोग

अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए अधिकांश कार्रवाइयों को पुलिस द्वारा किया जा रहा है. जबकि खनिज विभाग, फॉरेस्ट विभाग एवं ट्रांसपोर्ट विभाग को भी कार्रवाइयों में भूमिका निभानी चाहिए. इन विभागों द्वारा काफी कम संख्या में कार्रवाइयां की जा रही है. जब पुलिस माफियाओं को पकड़ लेती है, तब अन्य विभाग कार्रवाई में शामिल होने के लिए पहुंच जाते हैं.

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