Rajasthan Mine Accident: 13 घंटे तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन, बाहर निकाले गए लिफ्ट में फंसे 14 अधिकारी, 1 की मौत

Khetri Mine Accident Update: झुंझुनूं के खेतड़ी में हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड की खदान में लिफ्ट गिरने के बाद शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन 13 घंटे बाद खत्म हो गया है. 1800 फीट नीचे लिफ्ट में फंसे सभी अधिकारियों को बाहर निकाल लिया गया है. इनमें से एक अधिकारी की मौत हो गई है.

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केसीसी में 13 घंटे तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन.

Rajasthan News: करीब 13 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (HCL) की कोलिहान खदान (Kolihan Mine) में लिफ्ट के अंदर फंसे कोलकाता विजिलेंस टीम (Kolkata Vigilance Team) के सभी 14 अधिकारियों को बाहर निकाल लिया गया है. मंगलवार रात करीब 8 बजे अचानक रस्सा टूट जाने के कारण 14 अधिकारियों से भरी लिफ्ट 1875 फीट नीचे जा गिरी थी. इस हादसे में 3 अधिकारियों को गंभीर चोटें आई हैं, जिस कारण उन्हें बाहर निकालते ही एंबुलेंस से जयपुर के मणिपाल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. वहीं मुख्य सतर्कता अधिकारी उपेंद्र पांडे की मौत हो गई है. उनका शव KCC अस्पताल ले जाया जा रहा है.

मृतक अधिकारी उपेंद्र कुमार पांडे.
Photo Credit: NDTV Reporter

सीएम शर्मा ले रहे थे हर अपडेट

पहले स्लॉट में कोलिहान खदान प्रभारी ए. के. शर्मा, मैनेजर प्रीतम ओर हंसीराम को बाहर निकाला गया. जबकि दूसरे स्लॉट में जेडी गुप्ता, ए.के. बेरवा, वनेंदू भंडारी, निरंजन साहू, भागीरथ सिंह कुशल को बाहर निकाला गया. 13 घंटे तक चले इस रेस्क्यू ऑपरेशन पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा और डिप्टी सीएम दिया कुमारी नजर बनाए हुए थीं. इस संबंध में अधिकारियों को जल्द से जल्द अंदर फंसे अधिकारियों को बाहर निकालने की दिशा में निर्देश दिए जा रहे थे. झुंझुनूं जिले के खेतड़ी में बनी ये खदान काफी अहम है. क्योंकि देश का 50 प्रतिशत तांबा, यहां स्थित पहाड़ों से ही निकाला जाता है. खनन का काम भारत सरकार के उपक्रम हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड के अधीन है.

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8 दिन पहले दी गई थी शिकायत

कोलिहान खदान की लिफ्ट से जुड़े कर्मचारियों ने 8 दिन पहले केसीसी प्रबंधन को शिकायत की थी कि लिफ्ट में कुछ गड़बड़ी है, उसकी मरम्मत करवानी जरूरी है. इसके बावजूद अधिकारियों ने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया. इस बीच मंगलवार रात ये हादसा हो गया. हादसे के कारण लिफ्ट में फंसे 14 अधिकारियों के साथ ही करीब 150 श्रमिक भी खदान में फंस गए. यह सभी श्रमिक दोपहर की शिफ्ट में खदान में उतरे थे. इनकी रात 8 बजे शिफ्ट खत्म होनी थी, लेकिन इससे पहले ही यह हादसा हो गया. लिफ्ट की ट्रेल टूट जाने से दोनों लिफ्ट बंद हो गई। ऐसे में न कोई बाहर से अंदर जा सकता और न ही कोई बाहर आ सकता है.

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