भारी बारिश से फसल बर्बाद, सचिन पायलट ने किसानों के लिए उठाई मुआवजे की मांग

सचिन पायलट ने टोंक विधानसभा क्षेत्र के अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया. इस दौरान ग्रामीणों से संवाद कर उनकी समस्या सुनी और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.

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Rajasthan News: कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने शनिवार को टोंक विधानसभा क्षेत्र के भारी बारिश से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. इस दौरान पायलट ने ग्रामीणों की समस्याएं सुनी और मौजूदा प्रशासनिक अधिकारियों को शीघ्र गिरदावरी करवाकर प्रभावितों को मुआवजा दिलवाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि ये जो आपदा आई है कोई नई नहीं है. इसलिए सरकार को ऐसी सरल प्रक्रिया बनानी चाहिए जिससे लोगों को इसका शीघ्र लाभ मिल सके.

सचिन पायलट ने इन इलाकों का किया दौरा

पायलट ने शनिवार को टोंक विधानसभा क्षेत्र की उप तहसील बरवास स्थित ग्राम मेहन्दवास, अमीनपुरा, छाणबास सूर्या और बरवास का दौरा कर अतिवृष्टि प्रभावित इलाकों, क्षतिग्रस्त पुलिया, पानी में डूबे खेतों आदि का निरीक्षण किया. पायलट ने कहा कि बीते दिनों हुई भारी बारिश से कई जगह बाढ़ के हालात बन गए हैं. लोगों के खेतों, मकानों, पशुधन को भारी नुकसान पहुंचा है.

बांग्लादेश हिंसा पर बोले सचिन पायलट

बांग्लादेश हिंसा को लेकर कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि किसी भी देश में हिंसा का कोई समर्थन नहीं कर सकता है. देश-प्रदेश में इस तरह की हिंसा का कोई समर्थन नहीं कर सकता है. सब लोगों को मिलकर शांति और सद्भाव की कामना करनी चाहिए. मैं तो केंद्र सरकार से यहीं मांग करता हूं कि उन्हें दबाव बनाकर जिन अल्पसंख्यकों पर अत्याचार किए जा रहे उनकी सुरक्षा करनी चाहिए.

ऐसी घटनाओं से किसी का भला नहीं होता

उदयपुर हिंसा को लेकर पायलट ने कहा कि हम सबने शांति बनाए रखने की अपील की है. लोगों को अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए. सरकार को चाहिए की सख्ती से कानून व्यवस्था स्थापित करें. इस प्रकार की घटनाओं से किसी का भला नहीं होता है. लोगों को अमन चैन बनाए रखना चाहिए. 

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जम्मू-कश्मीर इलेक्शन पर बोलें पायलट

सचिन पायलट ने जम्मू-कश्मीर में चुनावों के ऐलान पर कहा कि  10 साल बाद चुनाव होने जा रहे हैं. वहां भी हम मजबूती के साथ काम करेंगे. वहां पर भी हमारा बेहतर पर्फार्मेंस रहेगा. जो सरकार वन नेशन वन इलेक्शन की बात कर रही थी, वह सरकार एक साथ चार राज्यों चुनाव में नहीं करवा पा रही है. साथ ही हरियाणा में तीन चौथाई बहुमत के साथ हमारी सरकार बनने जा रही है. 

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