Rajasthan High Court noticwe to insurance company: राजस्थान हाईकोर्ट ने बीमा क्लेम खारिज करने के मामले में कोटक महिंद्रा बीमा कंपनी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कंपनी ने व्यक्ति की मौत को आत्महत्या बताकर बीमा का क्लेम खारिज कर दिया था. वहीं, मृतक की पत्नी ने बताया कि उनके पति की मौत फूड पॉयजनिंग से हुई थी. जस्टिस समीर जैन की अदालत ने यह आदेश याचिकाकर्ता विद्या शर्मा की अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिए. याचिका में विद्या ने बताया कि उनके पति कमलेश कुमार शर्मा की 10 लाख रुपए की बीमा पॉलिसी थी. उनकी मौत के बाद उन्होंने क्लेम के और अप्लाई किया, लेकिन कंपनी ने क्लेम खारिज कर दिया.
लोक अदालत में भी की थी अपील
इससे पहले महिला की ओर से स्थाई लोक अदालत में भी अपील की गई थी, लेकिन वहां भी आवेदन खारिज कर दिया गया. इसके बाद याचिकाकर्ता ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (रालसा) के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की.
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता हितेष बागड़ी ने पैरवी की. उन्होंने कोर्ट को बताया कि 24 दिसम्बर 2017 को एसएमएस अस्पताल में फूड पॉयजनिंग से याचिकाकर्ता के पति की मौत हुई थी. मौत से पहले उनका सात दिन तक इलाज चला था.
बीमा कंपनी बोली- गोल्ड पॉलिश पीने से हुई मौत
वहीं, बीमा कंपनी का दावा है कि मृतक ने गोल्ड पॉलिश (पारा) पीकर आत्महत्या की थी. इस पर याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी गई कि गोल्ड पॉलिश पीने से तत्काल मौत हो जाती है. जबकि 7 दिन तक चले उपचार से स्पष्ट है कि यह आत्महत्या नहीं थी. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने कंपनी को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं.
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