Jaipur Metro Order: राजस्थान के गृह विभाग ने जयपुर मेट्रो के कर्मचारियों को हड़ताल ना करने के लिए पाबंद करते हुए आदेश जारी किए हैं. आदेश के मुताबिक, मेट्रो को अतिआवश्यक सेवाओं की कैटेगरी में डालकर कार्मिकों के हड़ताल करने पर पाबंदी की गई. हालांकि ये कोई पहली बार नहीं है, जब इस तरह का आदेश जारी हुआ है. इससे पहले कुछ इसी तरह के आदेश 29 अप्रैल 2024 और 25 अक्तूबर 2024 को भी जारी किए गए. दरअसल, जयपुर मेट्रो का दूसरा फेज शुरू हो चुका है. मेट्रो कर्मचारियों को उम्मीद थी कि इसके बाद उन्हें प्रमोशन मिल जाएगा. लेकिन अब सरकार ने मेट्रो के सेंकड फेज के काम के लिए दिल्ली मेट्रो को जनरल कंसलटेंसी के लिए हायर किया है. इसके तहत दिल्ली मेट्रो को 14 हजार 67 करोड़ के पूरे प्रोजेक्ट में 416 करोड़ रूपए कंसलटेंसी चार्ज के लिए दिए जाएंगे. इसके लिए ओपन टेंडर नहीं कराया गया. इसके साथ ही इस एग्रीमेंट के साथ दिल्ली मेट्रो को ऑपरेशन और मैनेजमेंट के लिए आगे अनुबंध किया जाएगा. कर्मचारियों में इस बात को लेकर भी नाराजगी है.
कर्मचारी बोले- हमारी आवाज दबाने की कोशिश
मेट्रो कर्मचारियों का आरोप है कि ऐसा उनकी आवाज दबाने के लिए किया जा रहा है. उनका कहना है, "लगभग 12 साल की नौकरी करने के बाद भी अभी तक मेट्रो में प्रमोशन से जुड़े नियम नहीं बनाए गए हैं. इसके साथ ही लगातार मेट्रो में भाई-भतीजावाद किया जा रहा है. इसके खिलाफ हम आवाज ना उठा पाए इसी मंशा से ये आदेश जारी किए जाते हैं."
दिल्ली मेट्रो फायदा पहुंचाने के लगे आरोप
कर्मचारियों की शिकायत है कि मेट्रो में काम कर रहे डायरेक्टर कॉरपोरेट अफेयर्स दिल्ली मेट्रो से डेपुटेशन पर यहां आए हैं. वे लगातार कोशिश कर रहे हैं कि दिल्ली मेट्रो को फायदा दिया जाएं. मेट्रो में लंबे समय से कोई भर्ती नहीं हुई है. इस कारण स्टाफ कम पड़ने पर दिल्ली मेट्रो से डेपुटेशन पर कर्मचारी मंगवाए जाते हैं, जिन्हें डेपुटेशन भत्ता अलग से देना पड़ता है. इससे सरकारी कोष पर भी अतिरिक्त भार पड़ रहा है.
"दिल्ली मेट्रो ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह काम कर रही"
नाराजगी इस बात को लेकर भी है कि बेरोजगार युवाओं के लिए नए अवसर नहीं आ रहे हैं. दिल्ली मेट्रो ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह काम कर रही है और जयपुर मेट्रो पर पूरी तरह काबिज होना चाहती है.
इस मामले पर जयपुर मेट्रो के सीएमडी वैभव गालरिया ने कहा कि मेट्रो की सेवाएं अतिआवश्यक है. इसलिए ये गाइडलाइन समय-समय पर जारी की जाती है. हमारे यहां एंप्लॉई काउंसिल है, जहां कर्मचारियों की समस्या का समाधान किया जाता है.
यह भी पढ़ेंः राजस्थान में थानों में मौत पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, DGP से 2 हफ्ते में बंद पड़े CCTV कैमरों पर रिपोर्ट मांगी