Rajasthan News: केंद्र सरकार ने भले ही तीन तलाक (Triple Talaq) को कानूनी रूप से प्रतिबंधित कर दिया हो, लेकिन आज भी इसके जरिए तलाक देने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसा ही एक मामला राजस्थान के बांसवाड़ा (Banswara) जिले में सामने आया है, जिसमें एक युवक ने विदेश से पत्नी को फोन पर ही तलाक दे दिया है. इस संबंध में पत्नी की शिकायत पर महिला थाना पुलिस ने पति, सास, ससुर समेत 6 जनों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है.
'कानूनी कार्रवाई से बचाने के लिए कुवैत भागा'
शिकायतकर्ता पत्नी ने बताया कि उनका निकाह सितंबर 2015 में शाहबाश बैग से हुआ था. उनकी दो बेटियां भी हुईं. विवाह के कुछ समय तक आरोपियों ने उन्हें अच्छा रखा, लेकिन बाद में आए दिन दहेज की मांग को लेकर मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने लगे. पति को कुवैत भेजने के लिए पीहर से 5 लाख रुपए लाने की मांग करने, मारपीट और झगड़ा करने के भी आरोप लगाए हैं. रिपोर्ट में बताया कि जनवरी 2022 में अभियुक्तगण ने दहेज की मांग करते हुए परिवादिया को उनकी दोनों बच्चियों समेत घर से निकाल दिया, तब से वह पीहर में रह रही हैं. बाद में पति कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए कुवैत चला गया.
पुलिस ने शिकायत पर शुरू की केस की जांच
आरोप है कि परिवादिया थाने में शिकायत दर्ज करने पहुंची तो पता चला कि आरोपी पति कुवैत में है, जिसने मोबाइल से तीन तलाक दिया, जोकि कानूनन वैद्य नहीं है. पीड़िता ने बताया कि आरोपी पति ने उन्हें नोटिस भेजे थे, लेकिन उन्होंने रिसीव नहीं किए. बाद में महिला थाना पुलिस ने जब पति से बात की तो उन्होंने मोबाइल पर भेजे. रिपोर्ट में यह भी बताया कि रिपोर्ट पर पुलिस ने पति समेत 6 जनों के खिलाफ मारपीट, दहेज प्रताड़ना के अलावा मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों की सुरक्षा) अधिनियम, 2019 की धारा 2 व 3 के आरोप में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
पहले भी सामने आ चुके हैं तलाक के मामले
साल 2022 अगस्त में तीन तलाक बोलकर पत्नी को जान से मारने का मामला सामने आ चुका है. पीड़िता की रिपोर्ट पर महिला थाने में दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज किया था. मामले में पीड़िता ने आरोपी पति व उसकी दूसरी पत्नी के खिलाफ मारपीट का केस दर्ज कराया था. रिपोर्ट में कूपड़ा में रह रही पीड़िता ने बताया था कि वह अपनी मां के साथ स्कूटी पर बाजार जा रही थी. रास्ते में वन-विभाग ऑफिस के सामने आरोपी पति उसकी दूसरी पत्नी के साथ दुपहिया वाहन से आया और मारने के इरादे से उसे टक्कर मार दी. रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया कि टक्कर के बाद आरोपी पति की दूसरी पत्नी ने गला दबा कर मारने की कोशिश की. इसी तरह साल 2019 अगस्त में भी खमेरा क्षेत्र में तीन तलाक का पहला मामला सामने आया था, जिसमें पीड़िता की रिपोर्ट पर पति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.
3 साल तक जेल और जुर्माने का प्रावधान
वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज सिंह चौहान ने बताया कि मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों की सुरक्षा) अधिनियम, 2019 की धारा 3 के तहत तलाक को अवैध माना गया है. इसमें मुस्लिम पति की ओर से पत्नी को तलाक की किसी उद्घोषणा शब्दों के जरिये या तो बोलकर अथावा लिखित या फिर इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में अथवा किसी अन्य तरीके में जो भी हो, की गई है वह धारा 3 के तहत शून्य और अवैध होगी. यह संधेय अपराध माना गया है. धारा 4 में तलाक उदघोषित करने पर दंड प्रावधान है, जिसके तहत कोई मुस्लिम पति धारा 3 तीन में संदर्भित तलाक अपनी उद्घोषणा करता है तो अवैध मानकर 3 वर्ष का कारावास से दंडित होगा और जुर्माने का भी प्रावधान है.