Rajasthan: 'मैं दोषी हूं, पीड़ित हूं' रणथंभौर में बाघों के हमले पर किरोड़ी लाल मीणा बोले- मुझे शर्म आ रही 

Ranthambhore National Park: बाघों की अठखेलियों को लेकर विश्व में अपनी खास पहचान रखने वाला प्रदेश का सबसे बड़ा रणथंभौर टाईगर रिजर्व इन दिनों बढ़ते बाघ-मानव संघर्ष को लेकर लगातार सुर्खियों में है, महज 54 दिनों में रणथंभौर में बाघ के हमलों में तीन लोगों की मौत हो गई.

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सवाई माधोपुर में किरोड़ी लाल मीणा

Kirodi Lal Meena: राजस्थान के रणथंभौर नेशनल पार्क में 3 महीनों के भीतर तीन लोगों की मौत बाघों के हमले में हो गई है. इस पर सवाई माधोपुर के विधायक और मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने कहा है कि मैं खुद इससे दुखी हूं, मैं इसका दोषी खुद को मानता हूं.  कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने कहा ''ये दुर्भाग्य है हमारा रणथंभौर का कि यह उन लोगों के हाथों में जो नशे में चूर रहते हैं, इसे सुधारें. मैंने ऊपर तक शिकायत की है, अब क्या कहूं इसमें में, कुछ कहने की स्थिति में नहीं हूं. मेरे को भी शर्म आ रही है, इतने समय में तीन घटना हो गई है.

उन्होंने कहा, ''मैं खुद दुखी हूं, अपना आत्मवलोकन कर रहा हूं, मैं खुद इसका दोषी खुद को मानता हूं, और अब हमने तय किया है कि जनता के साथ अन्याय नहीं होने देंगे.''

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54 दिनों में तीन हमले 

बाघों की अठखेलियों को लेकर विश्व पटल पर अपनी खास पहचान रखने वाला प्रदेश का सबसे बड़ा रणथंभौर टाईगर रिजर्व इन दिनों बढ़ते बाघ-मानव संघर्ष को लेकर लगातार सुर्खियों में है, महज 54 दिनों में रणथंभौर में बाघ के हमलों में तीन लोगों की मौत हो गई. जिसके बाद  रणथंभौर में बड़े स्तर पर गुस्साएं ग्रामीणों का धरना प्रदर्शन भी देखने को मिला और कृषि मंत्री डॉक्टर किरोडी लाल मीणा को हस्तक्षेप करना पड़ा है.

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पहले बच्चे शिकार फिर गार्ड को मारा 

पहला हमला बाघिन टी 84 एरोहेड की मादा शावक कनकटी ने किया. कनकटी ने 16 अप्रैल 2025 को त्रिनेत्र गणेश दर्शन कर अपनी दादी के साथ लौट रहे एक सात वर्षिय बालक कार्तिक सुमन को मौत के घाट उतार दिया था. उसके बाद इसी मादा शावक कनकटी ने 11 मई को वन विभाग के रेंजर देवेंद्र चौधरी पर हमला किया और उन्हें भी मौत के घाट उतार दिया था.

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ग्रामीण बैठे थे धरने पर 

इस बार हमला रणथंभौर दुर्ग में हुआ, जहां कनकटी के भाई नर शावक ने जैन मंदिर के सेवादार राधेश्याम माली को मौत के घाट उतार दिया. घटना के बाद लोगो के सब्र का बांध भी टूट गया और आस पास के सैंकड़ों ग्रामीण रणथंभौर के मुख्य प्रवेश द्वार पर सड़क जाम कर धरने पर बैठ गए. ग्रामीणों का धरना करीब 33 घंटे तक चला और वन विभाग की लाख कोशिशों के बाद भी ग्रामीण नहीं माने. आखिरकार सवाई माधोपुर विधायक एंव सूबे के कृषि मंत्री डॉक्टर किरोडी लाल मीणा को मौके पर आना पड़ा और उनके हस्तक्षेप के बाद ही ग्रामीणों का धरना समाप्त हो पाया. 

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