Rajasthan: खींवसर के विधायक रेवंत राम डांगा के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा को भेजे गए 'शिकायती' पत्र के लीक होने के बाद से भाजपा के अंदर जैसे खलबली मची हुई है. पत्र के लीक होने के बाद नागौर लकसभा सीट से भाजपा की प्रत्याशी रहीं ज्योति मिर्धा ने कहा था कि यह बेहद गंभीर विषय है. उन्होंने दवा किया था कि किसने यह पत्र लीक किया है उसका पता चल गया है, वो पार्टी का ही व्यक्ति है.
उसके बाद स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के बेटे धनंजय सिंह खींवसर ने ट्वीट करते हुए इशारों-इशारों में ज्योति मिर्धा पर निशाना साधा था.
अब एक बार फिर ज्योति मिर्धा ने स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर को इशारों-इशारों में धृतराष्ट्र कहा दिया. मिर्धा ने कहा, ''धतराष्ट्र की प्रॉब्लम ये नहीं थी की वो अंधे थे प्रॉब्लम ये थी की वो पुत्र मोह में अंधे थे''. ज्योति मिर्धा ने कहा, ''लीक होना और उसे वायरल करना, ये दो अलग-अलग चीज़ें हैं. धृतराष्ट्र की प्रॉब्लम ये नहीं थी की वो अंधे थे प्रॉब्लम ये थी की वो पुत्र मोह में अंधे थे. और इसकी वजह से हमारा जो पूरा इतिहास था वो बदल गया था.''
मैंने सारे सबूत मुख्यमंत्री जी के सामने रख दिए हैं- मिर्धा
उन्होंने कहा, '' पुत्रमोह में जो चीज़ें खींवसर में हो रही हैं, उसका संज्ञान मैंने हमारी जो सीनियर लीडरशिप है, उनके संज्ञान में ला दिया है. मैंने सारे सबूत मुख्यमंत्री जी के सामने रख दिए हैं, और अगर पार्टी मुझे परमिशन दे देगी तो मैं वो सबूत आपके सामने भी पेश कर दूंगी.''
एक अन्य वीडियो में ज्योति मिर्धा ने कहा, ''ठीक वो (रेवंत राम डांगा) पहली बा के MLA हैं, लेकिन उन्हें अपनी शिकायत मौखिक या लिखित में रखने का अधिकार है. कैसे वो पोर्टल पर चढ़ गया और लीक हो गया? हो सकता है वो ह्यूमन एरर हो, लेकिन राजनीतिक रूप से आप किसी विधायक को कमज़ोर करने का प्रयास करते हैं तो मैं समझती हूं कि यह पार्टी के साथ बहुत बड़ा धोखा है. ''
कौन रेवंत राम डांगा जी को स्थापित नहीं होने देना चाहते?
ज्योति ने कहा, ''मैं बिना नाम लेते हुए कहना चाहती हूं आज के टाइम पर कौन लोग हैं जो रेवंत राम डांगा जी को स्थापित नहीं होने देना चाहते? मैंने तो किसी का नाम नहीं लिया था, लेकिन उनके (गजेंद्र सिंह खींवसर) सुपुत्र ने सोशल मीडिया पर जो लिखा उससे लोगों ने अंदाजा लगा लिया कि इस लीक के पीछे कौन हो सकता है, चोर की दाढ़ी में तिनका है"
क्या लिखा था धनंजय खिमसर ने ?
धनंजय ने ट्वीट करते हुए लिखा, ''"नव आगमन, नई उड़ान, पहले समझो, फिर करो गुमान. एक क्षेत्रीय नेत्री को बस यही संदेश, अनुशासन ही संगठन का विशेष आदेश!" संदेश गिराने से पहले सोच लेना, गिरा तो मसला बनकर खड़ा हो जाऊंगा.. अभी तो चल रहा हूं अकेला, रोकोगे तो काफिला बन जाऊंगा.
''अफसोस है, पार्टी के व्यक्ति ने ही सार्वजनिक किया''
शुक्रवार को ज्योति मिर्धा ने कहा था, ''अफसोस है कि विधायक रेवंतराम डांगा के सीएम को लिखे गए गोपनीय पत्र को भाजपा के ही व्यक्ति ने सार्वजनिक कर दिया. पार्टी पदाधिकारियों ने इस घटनाक्रम पर संज्ञान लिया है. जल्द ही इस पर एक्शन लिया जा सकता है. उन्होंने कहा था, एक विधायक मुख्यमंत्री से अपनी बात बंद लिफाफे में पेश करता है.
ये उसका अधिकार है. जिसने उस बंद लिफाफे को लीक किया, उसके बारे में सूचना मिल गई है. जिस व्यक्ति ने पत्र लीक किया, अफसोस है कि उसका कनेक्शन भी हमारी पार्टी में ही निकलकर आया है.''
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