Rajasthan News: राजस्थान की राजधानी जयपुर (Jaipur) में रियल एस्टेट क्षेत्र के प्रतिष्ठित वर्धमान ग्रुप (Vardhaman Group) पर आयकर विभाग (Income Tax Department) की छापेमारी लगातार जारी है. गुरुवार सुबह शुरू हुई इस बड़ी कार्रवाई में अब तक का सबसे बड़ा अपडेट सामने आया है. आयकर टीम ने वर्धमान ग्रुप के मुख्य कार्यालय से 4 करोड़ रुपये से अधिक की बेहिसाब नकदी (Unaccounted Cash) गिन ली है.
शुक्रवार सुबह सुबह 10:50 बजे तक की जानकारी के अनुसार, मौके पर काउंटिंग मशीन (Counting Machine) से नोट गिनने की प्रक्रिया अभी भी जारी है, जिससे यह साफ है कि बरामद नकदी की कुल राशि ₹4 करोड़ के आंकड़े को पार कर जाएगी. आयकर विभाग की यह कार्रवाई ग्रुप के जयपुर स्थित आधा दर्जन से अधिक ठिकानों पर एक साथ चल रही है, जिसमें रियल एस्टेट और शिक्षा से जुड़े कारोबार शामिल हैं.
स्कूल की 7वीं मंजिल पर कार्रवाई
आयकर विभाग की टीम ने इस कार्रवाई को पूरी गोपनीयता के साथ अंजाम दिया. सूत्रों के मुताबिक, ग्रुप का मुख्य कार्यालय मानसरोवर स्थित उनके वर्धमान इंटरनेशनल स्कूल परिसर में ही स्थित है. करोड़ों की नकदी स्कूल परिसर की 7वीं मंजिल पर स्थित ग्रुप के रियल एस्टेट दफ्तर से बरामद हुई है. नकदी की मात्रा इतनी अधिक थी कि गुरुवार को ही उसकी गिनती के लिए विशेष काउंटिंग मशीनें मंगानी पड़ी थीं. गिनती की प्रक्रिया अभी भी चल रही है. जानकारों का मानना है कि यह पूरी नकदी वर्धमान ग्रुप की रियल एस्टेट सौदों में टैक्स चोरी और स्कूलों के माध्यम से जुटाई गई कथित काली कमाई हो सकती है.
100 से अधिक बिल्डरों पर शिकंजा
आयकर विभाग की यह बड़ी कार्रवाई एक व्यापक अभियान का हिस्सा है. आयकर विभाग ने एक जॉइंट एग्रीमेंट डेवलपमेंट (Joint Agreement Development) को लेकर बड़े पैमाने पर मुहिम छेड़ रखी है. सूत्रों के अनुसार, रियल एस्टेट डेवलपर्स और जमीन मालिकों के बीच होने वाले जॉइंट एग्रीमेंट में टैक्स चोरी की शिकायतों के बाद, आयकर विभाग ने राजस्थान के 100 से ज्यादा बिल्डरों को नोटिस भेजा है. वर्धमान ग्रुप पर छापा इसी मुहिम की एक कड़ी माना जा रहा है. इस कार्रवाई से जयपुर के अन्य बड़े रियल एस्टेट कारोबारियों में भी हड़कंप मच गया है.
अन्य कारोबारी भी रडार पर
वर्धमान ग्रुप से जुड़े अन्य कारोबारी और प्रमुख पदाधिकारी भी आयकर विभाग की गहन जांच के दायरे में हैं. अधिकारियों की टीम ग्रुप के प्रमुख पदाधिकारियों से पूछताछ कर रही है और उनके सभी बैंक खातों, बेनामी संपत्तियों तथा निवेश की जानकारी खंगाल रही है. यह संभावना है कि यह ग्रुप प्रदेश के अन्य छोटे-बड़े बिल्डरों के साथ भी व्यावसायिक रूप से जुड़ा हो सकता है, जिन पर अब आयकर की कार्रवाई की गाज गिर सकती है.
देर शाम या रात तक खुलासे की उम्मीदविभाग इस बात की पूरी गोपनीयता बरत रहा है कि गिनती कब पूरी होगी और कुल कितनी बेहिसाब संपत्ति जब्त की गई है. उम्मीद है कि तलाशी, गिनती और दस्तावेज़ों की जांच की प्रक्रिया पूरी होने के बाद, आयकर विभाग की टीम देर शाम या रात तक आधिकारिक तौर पर जब्त की गई कुल नकदी और टैक्स चोरी की राशि का बड़ा और आधिकारिक खुलासा कर सकती है.
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