Kotputli News: राजस्थान में आज 'खाकी' वर्दी यानी पुलिस कर्मियों की होली है. इसके लिए जोर-शोर से तैयारियां की गई हैं. आज सभी थानों और लाइन में पुलिस कर्मियों ने रंगों का त्योहार बड़े उत्साह के साथ मनाया. छोटे से लेकर बड़े अधिकारी डीजे की धुन पर थिरकते नजर आए. हालांकि, कुछ थानों में होली को लेकर कोई हलचल नहीं दिखी. इन सबके बीच कोटपूतली स्थित पुलिस लाइन में जिला स्तरीय होली का आयोजन किया गया.
पुलिस लाइन में जमकर उड़ा अबीर गुलाल
इससे पहले पुलिस महकमा शहर में एसपी कार्यालय से जुलूस की शक्ल में पुलिस लाइन पहुंचा. जहां इस मौके पर पुलिस के आला अधिकारी एसपी राजन दुष्यंत,एएसपी वैभव शर्मा, एएसपी शालिनी राज,डीएसपी राजेंद्र समेत जिलेभर के थानाधिकारी भी पुलिस लाइन में मौजूद रहे. और सभी ने पुलिस लाइन में जमकर अबीर गुलाल उड़ाकर होली की खुशियों को मनाया.
कई जिलों के थानों में होली से बनाई दूरी
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले से ही व्हाट्सएप ग्रुपों और सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा था कि पुलिस होली नहीं मनाएगी. उसी को लेकर आज यानी शनिवार को कई जिलों में कांस्टेबल और इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी वेतन विसंगतियों और प्रमोशन की मांग को लेकर पुलिस द्वारा खेली जा रही होली से दूरी बनाए हुए हैं.
क्या है वेतन विसंगति
राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल, राजस्व विभाग में पटवारी, प्रशासनिक सेवा में कनिष्ठ लिपिक का प्रारंभिक वेतनमान 5200 से 20200 रुपए तथा ग्रेड पे 1900 रुपए है. किन 9 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर प्रथम पदोन्नति के बाद जहां पटवारी का ग्रेड पे 1900 से बढ़कर 3200 रुपए हो जाता है, वहीं कनिष्ठ लिपिक का 2400 रुपए हो जाता है, वहीं कांस्टेबल का ग्रेड पे 2000 रुपए ही रहता है.
दूसरी मांग में क्या
दूसरी पदोन्नति पर पटवारी नायब तहसीलदार बन जाता है और उसे 3600 रुपए तथा कनिष्ठ लिपिक कार्यालय सहायक बन जाता है और उसे 3200 रुपए ग्रेड पे मिलता है. जबकि कांस्टेबल को एएसआई बनकर 2400 रुपए ग्रेड पे मिलता है. सी तरह 27 साल की सेवा पर तीसरी पदोन्नति लेकर सिपाही उप निरीक्षक, पटवारी तहसीलदार और कनिष्ठ लिपिक कार्यालय अधीक्षक बन जाता है. तब तहसीलदार की ग्रेड पे 4200 रुपए, कार्यालय अधीक्षक की 3600 रुपए और उप निरीक्षक की 3600 रुपए होती है. यही हाल लगभग कारागार सेवा के कर्मचारियों का है.
होली के अगले दिन पुलिस मनाती है होली
उल्लेखनीय है कि होली पर देश में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिसकर्मी रंगों के त्योहार के अगले दिन अपने साथी पुलिसकर्मियों के साथ होली मनाते हैं, लेकिन हर साल की तरह इस बार राजस्थान में पुलिसकर्मियों ने बहुत कम स्थानों पर होली मनाई.
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