Rajasthan News: राजस्थान के सीकर जिले में मंगलवार शाम एक बड़ा हादसा हो गया. नीमकाथाना के पाटन में स्थित एक खदान में भूस्खलन से दो मजदूरों की मौत हो गई और एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया. घटना डोकन गांव में स्थित 'कृष्ण माइंस' में उस वक्त हुई जब पहाड़ी का एक हिस्सा अचानक भरभराकर नीचे आ गिरा. हादसे के वक्त खदान में 6 मजदूर काम कर रहे थे. भूस्खलन के कारण एक पोकलेन मशीन और एक डंपर मलबे में दब गए और तीन मजदूर फंस गए.
इनमें से दो मजदूरों - नीमकाथाना के लक्ष्मण सिंह राजपूत और उत्तर प्रदेश के बिजनौर निवासी सुरेंद्र हरिजन की मौत हो गई. जबकि बिहार के नीतीश यादव गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिनका नीमकाथाना अस्पताल में इलाज चल रहा है.
रातभर चला रेस्क्यू ऑपरेशन
हादसे की जानकारी मिलते ही पाटन थानाधिकारी विक्रम सिंह, तहसीलदार राजवीर सिंह सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी और रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची. शुरुआती रेस्क्यू ऑपरेशन में घायल नीतीश यादव और मृतक लक्ष्मण सिंह को तो निकाल लिया गया, लेकिन पोकलेन मशीन चला रहे सुरेंद्र हरिजन पत्थरों के भारी मलबे के नीचे फंसे रहे. पुलिस और रेस्क्यू टीम ने रातभर कड़ी मशक्कत की और करीब 12 घंटे बाद, देर रात 12 बजे के आसपास सुरेंद्र को बाहर निकाला, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी.
स्थानीय लोगों में आक्रोश, लापरवाही का आरोप
इस दर्दनाक हादसे के बाद स्थानीय लोगों में खान संचालकों के खिलाफ भारी आक्रोश है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि पिछले कई दिनों से इलाके में हो रही लगातार बारिश के बावजूद खान संचालकों ने काम बंद नहीं किया. उनका कहना है कि यह खदान लगभग 200 फीट तक गहरी जा चुकी है, जिसके चलते भूस्खलन का खतरा हमेशा बना रहता है. बावजूद इसके, खान संचालक मजदूरों की सुरक्षा को नजरअंदाज करते हुए लगातार काम जारी रखते हैं. स्थानीय लोगों का दावा है कि इस इलाके में पहले भी भूस्खलन की छोटी-मोटी घटनाएं हुई हैं, लेकिन संचालकों ने इसे कभी गंभीरता से नहीं लिया. मंगलवार की शाम हुआ यह हादसा इसी लापरवाही का नतीजा है.
प्रशासनिक अधिकारियों ने इस मामले में जांच का आश्वासन दिया है. पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की आगे की कार्रवाई जारी है.
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