Rajasthan: बुलेट बाबा की 37वीं बरसी पर अनूठा नजारा, फूलों से सजी बाइक की परिक्रमा कर भक्तों ने मांगी मन्नतें

Rajasthan News: राजस्थान के लोक देवता बुलेट बाबा ओम बन्ना की 37वीं पुण्यतिथि पर हजारों श्रद्धालु देवली परिसर में एकत्रित हुए. उन्होंने बुलेट बाबा की परिक्रमा की और दरबार में प्रार्थना की.

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ओम बन्ना बरसी महोत्सव
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Lok Devta Bullet Baba Death Anniversary: राजस्थान के लोकदेवता बुलेट बाबा ओम बन्ना ( Om Banna Bullet baba) (ओम सिंह राठौड़) की 37वीं पुण्यतिथि के अवसर पर पाली जिले के रोहट क्षेत्र में फोरलेन हाईवे-62 स्थित मंदिर परिसर में मंगलवार को आस्था का विराट सैलाब उमड़ पड़ा. राजस्थान समेत देशभर से हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचे और बुलेट बाबा के दरबार में धोंक लगाकर मन्नतें मांगीं. देर रात तक यह सिलसिला जारी रहा, और आरती के समय पूरा परिसर 'जय बुलेट बाबा के जयकारों से गूंज उठा.

फुलों से सजे बुलेट बाबा
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ओम बन्ना की बुलेट बाइक रही आकर्षण का केंद्र

पूरे कार्यक्रम के दौरान, ओम बन्ना की प्रिय बुलेट बाइक  श्रद्धालुओं की विशेष आस्था का केंद्र बनी रही. बुलेट बाइक को भी इस खस  दिन के लिए फूलों से सजाया गया था. साथ वहां आए श्रद्धालु बाइक की परिक्रमा कर उसके सामने  शीश नवाते हैं और अपनी और अपने परिवार की कुशलता, समृद्धि और सुरक्षा की प्रार्थना करते हैं.

भजन संध्या में डूबा देवल परिसर

मंगलवार रात आयोजित विशाल भजन संध्या  में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. कार्यक्रम की शुरुआत भजन गायिका पूनम माली ने “गणपति वंदना” और “ओम बन्ना म्हारा पांवणा” भजन से की. इसके बाद श्याम पालीवाल ने “म्हारा ओम बन्ना दर्शन देवो जी” जैसे लोकप्रिय भजनों से श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया.

रातभर चली भजन संध्या
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मंच पर प्रकाश माली, छोटूसिंह रावणा, लेहरूदास वैष्णव, महावीर सांखला, अनिता जांगिड़, अनिल नागौरी, भगवत सुथार, जोगराज सिंह जैसे प्रसिद्ध कलाकारों ने भावपूर्ण प्रस्तुतियां दीं, जिससे पूरा देवल परिसर भक्ति में डूबा रहा.

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ओम सिंह राठौर का मंदिर
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कौन है बुलेट बाबा

ओम सिंह राठौर, जिन्हें ओम बन्ना और बुलेट बाबा के नाम से जाना जाता है, की मृत्यु 2 दिसंबर, 1991 को पाली के सांडेराव के पास एक सड़क दुर्घटना में हुई थी.उस समय वह अपनी 350 सीसी रॉयल एनफील्ड बुलेट बाइक चला रहे थे जब उनका नियंत्रण खो गया था और वे एक पेड़ से टकराकर खाई में गिर गए थे. और मौके पर उनकी मौत हो गई थी. 

उस समय स्थानीय पुलिस ने उनकी बाइक को अपने कब्जे में लेकर पुलिस स्टेशन में रख दिया. लेकिन, अगली सुबह बाइक पुलिस स्टेशन से गायब होकर फिर से दुर्घटनास्थल पर मिली. और ऐसा कई बार होता रहा. जिसके बाद लोगों को लगा की ओम बन्ना की आत्मा बाइक में है. इसके बाद बाइक को वही स्थापित कर उनके नाम का मंदिर बनवाया गया.जहां उनकी आज तक पहुंचा की जा रही है. 

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दो दिवसीय बरसी महोत्सव का समापन
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दो दिवसीय महोत्सव का समापन आज

दो दिवसीय बरसी महोत्सव का समापन आज यानी बुधवार को धार्मिक अनुष्ठान, मंगल आरती और महाप्रसादी के साथ धूमधाम से संपन्न होगा. इस अवसर पर चोटिला ठाकुर महान पराक्रमीसिंह, भीमसिंह चोटिला, जसवंतसिंह, मांगूसिंह, मनोहरसिंह निम्बली, विक्रमसिंह जयपुर, सुरेन्द्रसिंह भारला, रामागिरी, भानुसिंह शेखावत, पुजारी श्रवण ओझा सहित हजारों श्रद्धालु उपस्थित रहे.

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