Rajasthan CYCLONE-III Exercise: भारत-मिस्र स्पेशल फोर्सेज अभ्यास CYCLONE का तीसरा संस्करण राजस्थान के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में चल रहा है. यह 14 दिवसीय सैन्य अभ्यास 10 फरवरी 2025 को शुरू हुआ था और 23 फरवरी 2025 को खत्म होगा. यह उच्च-तीव्रता वाला अभ्यास भारत और मिस्र के बीच मजबूत रणनीतिक साझेदारी का प्रमाण है, जो सैन्य सहयोग को मजबूत करता है और दोनों देशों की विशिष्ट बलों के बीच पारस्परिक कार्यकुशलता को बढ़ाता है.
दोनों देशों का संयुक्त युद्ध प्रशिक्षण का उद्देश्य
'कंटिजेंट्स ट्रेन हार्ड' पर केंद्रित अभ्यास में दोनों देशों की सेनाएं कठिन युद्ध प्रशिक्षण और सामरिक अभ्यास कर रही हैं, जिसका उद्देश्य जॉइंट ऑपरेशन क्षमताओं को मजबूत करना है. इस अभ्यास का प्रमुख लक्ष्य पारस्परिक कार्यकुशलता को बढ़ाना, सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान- प्रदान करना और स्पेशल फोर्सेज के अभियानों में युद्धकला, तकनीकों और प्रक्रियाओं (TTPs) की आपसी समझ को बढ़ाना है.
वास्तविक युद्ध स्थितियों में होगा कारगर
इस अभ्यास में क्लोज क्वार्टर बैटल (CQB) ड्रिल, सर्वाइवल तकनीक, कॉम्बैट मेडिकल स्किल्स और डिमोलिशन ट्रेनिंग का जॉइंट प्रशिक्षण दिया गया. इन कठिन अभ्यासों का उद्देश्य सैनिकों की क्षमता को बढ़ाना था, जिससे वह रेगिस्तानी और अर्ध-रेगिस्तानी इलाकों में कठिन परिस्थितियों में प्रभावी तरीके से प्रतिक्रिया कर सकें. प्रशिक्षण सत्रों में तेजी, सहनशक्ति और सटीकता पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिससे दोनों दल वास्तविक युद्ध स्थितियों में एकजुट होकर बिना किसी रुकावट के काम कर सकें.
शहरी वातावरण में दुश्मनों से निपटने की ट्रेनिंग
क्लोज़ क्वार्टर बैटल (CQB) प्रशिक्षण महत्वपूर्ण यह है कि यह सैनिकों की क्षमता को बढ़ाता है. ताकि वे सीमित और शहरी वातावरण में कम रिएक्शन समय में दुश्मनों से निपट सकें. सर्वाइवल प्रशिक्षण मॉड्यूल कठोर परिस्थितियों में ऑपरेशन जारी रखने और शत्रुतापूर्ण वातावरण में स्वतंत्र रूप से कार्य करने के लिए आवश्यक कौशल है. युद्धक्षेत्र में आकस्मिक दुर्घटना प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए कॉम्बैट मेडिकल कौशल प्रशिक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण है, जबकि डेमोलिशन प्रशिक्षण सैनिकों को दुश्मन की किलेबंदी को तोड़ने और निष्क्रिय करने के लिए तैयार करता है.
आतंकवाद विरोधी अभियान
CYCLONE-III 48 घंटे के वेलिडेशन फेज के साथ समाप्त होगा, जिसमें दोनों दल जॉइंट रूप से आतंकवाद विरोधी (CT) अभियान करेंगे. अंतिम चरण का उद्देश्य सैनिकों की क्षमता को उच्च चुनौतीपूर्ण माहौल में रणनीतिक योजनाएं बनाने और उन्हें लागू करने के लिए परखा जाएगा. इस चरण में सैनिक जॉइंट सामरिक ड्रिल्स, काल्पनिक खतरों को निष्क्रिय और अपने सीखे हुए कौशल को रियल ऑपरेशनल माहौल में लागू करेंगे.
निर्णय लेने और मिशन को पूरा करने की स्पेशल ट्रेनिंग
वेलिडेशन अभ्यास का उद्देश्य वास्तविक युद्ध स्थितियों को सामने लाना है, ताकि सैनिकों की निर्णय लेने और मिशन को पूरा करने की क्षमताओं को निखारा जा सके . अलग-अलग ऑपेऱशनल तरीकों को एकजुट करके, दोनों सैन्य दल उभरते सुरक्षा खतरों के प्रति अपनी अनुकूलन क्षमता को बढ़ाएंगे. अभ्यास CYCLONE-III भारत और मिस्र के बीच निरंतर रक्षा सहयोग और आतंकवाद विरोधी अभियान तथा क्षेत्रीय सुरक्षा के प्रति साझी प्रतिबद्धता का प्रतीक है.
सैन्य साझेदारी से भारत बनेगा मजबूत वैश्विक लीडर
भारतीय और मिस्र की स्पेशल फोर्सेज का कठिन प्रशिक्षण असाधारण अनुशासन, टीमवर्क और अनुकूलन क्षमता का प्रदर्शन हैं. उनका ऑपरेशन में उत्कृष्टता के प्रति अडिग समर्पण यह दर्शाता है कि वे चुनौतीपूर्ण वातावरण में जॉइंट ऑपरेशन्स के लिए पूरी तरह तैयार हैं. जैसे-जैसे यह अभ्यास समाप्ति की ओर बढ़ेगा, CYCLONE-III के दौरान सीखी गई सीख और बनाए गए रिश्ते भविष्य के जॉइंट ऑपरेशन्स के लिए एक मजबूत आधार के रूप में काम आएंगें, जो क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा प्रयासों में अधिक तालमेल सुनिश्चित करेंगे.
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