Rajasthan: दूध बेचने वाले की बेटी ने बढ़ाया मान, जॉर्डन में एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप में दिखाएगी दांव-पेंच

Bhilwara: भीलवाड़ा जिले की कशिश ने देश का नाम विदेशों में बढ़ाया है. कपड़ा नगरी की दूध बेचने वाले नारायण गुर्जर की बेटी ने एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप टूर्नामेंट में जाने वाली भारतीय टीम में अपना स्थान पक्का कर लिया है.

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Bhilwara: भीलवाड़ा जिले की कशिश ने देश का नाम विदेशों में बढ़ाया है. रविवार रात दिल्ली से भीलवाड़ा पहुंची कशिश गुर्जर के घर में खुशी के माहौल  बना हुआ है. कपड़ा नगरी की दूध बेचने वाले नारायण गुर्जर की बेटी ने एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप टूर्नामेंट में जाने वाली भारतीय टीम में अपना स्थान पक्का कर लिया है. इसके बाद अब कशिश 22 जून को जॉर्डन के अम्मान शहर में होने वाली एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में अपना हुनर ​​दिखाएगी.

8 साल की उम्र में शुरू की थी कुश्ती 

गौरतलब है कि 2 दिन पहले दिल्ली में आयोजित इस प्रतियोगिता में भारतीय टीम के ट्रायल में कशिश का चयन हुआ था. कशिश गुर्जर ने 8 साल की उम्र में कुश्ती शुरू की थी और अब वह 16 साल की हो चुकी है. 8 साल की उम्र में अपने बड़े भाई देवराज गुर्जर को कुश्ती करते देख कशिश ने भी अपने पिता से कुश्ती करने की जिद की.महंगाई की मार और महंगे खेल को देखते हुए शुरुआत में तो पिता ने मना कर दिया, लेकिन कशिश की लगन को देखते हुए भाई ने उसका साथ दिया, जिससे पिता पिघल गए.

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भाई के सपोर्ट से कभी नहीं देखा पीछे मुड़कर

 अपने भाई के सपोर्ट और पिता के विश्वास से उन्होंने कुश्ती के पहले साल में ही स्कूल टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीता. उसके बाद कशिश ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. वह 6 से ज़्यादा राज्य प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक और राष्ट्रीय स्तर पर रजत पदक जीत चुकी हैं. तमाम आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद उनके पिता नारायण गुर्जर ने अपनी बेटी को कुश्ती और प्रशिक्षण के लिए कभी किसी चीज़ की कमी नहीं होने दी.

परिवार में उत्साह का माहौल

उधर, दिल्ली में भारतीय टीम के चयन ट्रायल में चैंपियन बनने के बाद परिवार में उत्साह का माहौल है. परिवार का मानना ​​है कि उनकी बेटी किसी बेटे से कम नहीं है और उन्हें उम्मीद है कि आने वाले समय में वह ओलंपिक में भी अपना परचम लहराएगी.

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