राजस्थान में BAP विधायक जयकृष्ण पटेल पर चलेगा मुकदमा, रिश्वतखोरी के मामले में स्पीकर ने दी मंजूरी

कानूनी जानकारों का कहना है कि अब एसीबी इस मामले में विधायक के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करेगी. इसके बाद कोर्ट में मुकदमा शुरू होगा. हाईकोर्ट से मिली जमानत सिर्फ एक अंतरिम राहत थी, जबकि यह मुकदमा अब निर्णायक मोड़ पर आ गया है.

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बागीदौरा विधायक के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी, जानिए पूरा मामला.

Rajasthan News: रिश्वतखोरी के आरोप में फंसे भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के बागीदौरा विधायक जयकृष्ण पटेल (Jaikrishna Patel) के खिलाफ अब मुकदमा चलाने की स्वीकृति मिल गई है. यह मंजूरी राजस्थान विधानसभा के स्पीकर वासुदेव देवनानी (Vasudev Devnani) ने दी है. इस फैसले के बाद, अब एंटी-करप्शन ब्यूरो (ACB) के अधिकारी विधायक जयकृष्ण पटेल के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकेंगे. इस मंजूरी के बाद, राजस्थान की सियासत में हलचल तेज हो गई है. 

आरोप, गिरफ्तारी और जमानत

यह मामला 4 मई का है, जब ACB ने विधायक जयकृष्ण पटेल को जयपुर के ज्योति नगर स्थित उनके विधायक आवास से गिरफ्तार किया था. उन पर आरोप है कि उन्होंने विधानसभा में खनन विभाग से जुड़े कुछ सवाल लगाए थे, जिन्हें वापस लेने के लिए उन्होंने मोटी रिश्वत की मांग की थी. एसीबी के मुताबिक, विधायक ने सवालों को वापस लेने के लिए 10 करोड़ रुपये की डिमांड की थी, लेकिन बाद में यह सौदा 2.5 करोड़ रुपये में तय हुआ था. एसीबी ने इस मामले में विधायक के साथ-साथ कुछ और लोगों को भी गिरफ्तार किया था. हालांकि, इस मामले में सभी आरोपियों को हाईकोर्ट से 12 दिन पहले ही जमानत मिल चुकी है, लेकिन अब अभियोजन की मंजूरी मिलने के बाद उनकी मुश्किलें फिर बढ़ सकती हैं.

निर्णय कोर्ट और सदन का विषय: वासुदेव देवनानी

बांसवाड़ा के बागीदौरा से विधायक जयकृष्ण पटेल की गिरफ्तारी के बाद प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है. भारत आदिवासी पार्टी ने इस पूरे मामले की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी है. पार्टी का कहना है कि तथ्य सामने आने तक इस मुद्दे पर गंभीरता से निगरानी रखी जाएगी. वहीं, राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने पटेल मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह मामला फिलहाल न्यायालय में विचाराधीन है, इसलिए वे इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे. उन्होंने साफ कहा कि इस प्रकरण में अभियोजन स्वीकृति मांगी गई थी, जो उन्होंने दे दी है. अब आगे का निर्णय न्यायालय और विधानसभा सदन को करना है.

आगामी सत्र से पहले सियासी महत्व

जयकृष्ण पटेल प्रकरण ऐसे समय में सामने आया है, जब 1 सितम्बर से सोलहवीं विधानसभा का चतुर्थ सत्र शुरू होने जा रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि किसानों की समस्याएं, बेरोजगारी और कानून-व्यवस्था के साथ-साथ यह मामला भी सदन में गूंज सकता है. इससे सरकार और विपक्ष के बीच टकराव और तेज होने की संभावना है.

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मामले से जुड़े कुछ बड़े सवाल:-

Q1: जयकृष्ण पटेल कौन हैं?
A: जयकृष्ण पटेल राजस्थान में भारत आदिवासी पार्टी के बागीदौरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं.

Q2: उन पर क्या आरोप लगे हैं?
A: उन पर खनन विभाग से जुड़े सवालों को वापस लेने के लिए 2.5 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है.

Q3: अभियोजन की स्वीकृति किसने दी?
A: राजस्थान विधानसभा के स्पीकर वासुदेव देवनानी ने एसीबी के प्रस्ताव को मंजूरी दी है.

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Q4: क्या उन्हें जमानत मिल चुकी है?
A: जी हां, इस मामले में सभी आरोपियों को हाईकोर्ट से 12 दिन पहले ही जमानत मिल चुकी थी, लेकिन अब अभियोजन की मंजूरी के बाद उन पर मुकदमा चलेगा.

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सियासी गलियारों में खलबली

स्पीकर वासुदेव देवनानी का यह फैसला राजस्थान के राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है. भाजपा सरकार शुरू से ही भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने की बात कहती रही है, और यह फैसला उसी दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. हालांकि, भारत आदिवासी पार्टी के लिए यह एक बड़ा झटका है, जो आदिवासी समाज के मुद्दों को लेकर राजनीतिक जमीन तलाश रही है. विधायक जयकृष्ण पटेल की गिरफ्तारी के बाद से ही पार्टी ने इसे राजनीतिक साजिश बताया था. लेकिन, अब अभियोजन की मंजूरी मिलने के बाद उनके आरोप कमजोर पड़ते नजर आ रहे हैं. इस मामले से राजस्थान में विपक्ष को भी सत्ता पक्ष पर हमला बोलने का एक और मौका मिल गया है.

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