Bhil Pradesh: सांसद राजकुमार रोत ने जारी किया भील प्रदेश का नक़्शा, बोले- आदिवासियों को चार राज्यों में बांट अन्याय किया 

1913 से भील समुदाय अनुसूचित जनजाति विशेषाधिकारों के साथ एक अलग राज्य या प्रदेश की मांग कर रहा है. यह मांग मानगढ़ नरसंहार की दुखद घटना के बाद भील समाज सुधारक और आध्यात्मिक नेता गोविंद गुरु ने उठाई थी.

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बांसवाड़ा के सांसद राजकुमार रोत ने अंग्रेजों के समय का बना नक्शा शेयर किया है

MP Rajkumar Roat: राजस्थान में भील प्रदेश की मांग समय-समय पर उठती रही है. इसके लिए आंदोलन भी हुए हैं. भील समुदाय के लोगों का मानना है कि जहां भीलों की संख्या ज़्यादा है उसे मिला कर एक अलग राज्य बनाया जाए. मंगलवार को भारत आदिवासी पार्टी के नेता और बांसवाड़ा के सांसद राजकुमार रोत ने एक ट्वीट करते हुए 'भील प्रदेश' का नक़्शा जारी किया है. उन्होंने यह लिखा कि हम भील प्रदेश लेके रहेंगे.  

राजकुमार रोत ने लिखा, ''भील राज्य की मांग को लेकर गोविंद गुरु के नेतृत्व में 1913 में 1500 से अधिक आदिवासी मानगढ़ पर शहीद हुए थे. आजादी के बाद भील प्रदेश को चार राज्य में बांटकर इस क्षेत्र की जनता के साथ अन्याय किया. गोविंद गुरु के नेतृत्व में शहीद हुए 1500 से अधिक शहीदों के सम्मान में भील प्रदेश राज्य बनाना है.''

हालांकि उन्होंने अपने अकाउंट पर जो नक्शा पोस्ट किया है वो अंग्रेज़ों के समय का है. अंग्रेज़ों ने प्रशासनिक उद्देश्यों के लिए यह नक्शा बनाया था, लेकिन बाद में आदिवासियों की भील प्रदेश बनाने की मांग अलग-अलग राज्यों में फैल गई.

सबसे पहले 1913 में उठी थी यह मांग

अलग से भील प्रदेश बनाने की मांग का इतिहास 108 साल पुराना है, जिसकी शुरुआत राजस्थान से हुई और धीरे-धीरे यह मध्य प्रदेश, गुजरात, और महाराष्ट्र तक पहुंच गई है. भारत आदिवासी पार्टी द्वारा भील प्रदेश के लिए उनकी मांग में गुजरात के पूर्वोत्तर, दक्षिणी राजस्थान और मध्य प्रदेश के पश्चिमी हिस्से के जिलों को शामिल करना शामिल है, जिसमें लगभग 20 पूरे जिले और 19 अन्य के हिस्से शामिल हैं.

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1913 से भील समुदाय अनुसूचित जनजाति विशेषाधिकारों के साथ एक अलग राज्य या प्रदेश की मांग कर रहा है. यह मांग मानगढ़ नरसंहार की दुखद घटना के बाद भील समाज सुधारक और आध्यात्मिक नेता गोविंद गुरु ने उठाई थी.

राजकुमार रोत ने अपने एक्स अकाउंट पर ये नक्शा शेयर किया है
Photo Credit: @roat_mla

4 राज्यों के 43 जिलों अलग करने वाली मांग

दरअसल, 17 नवंबर 1913 को राजस्थान और गुजरात की सीमा पर स्थित पहाड़ियों में मानगढ़ नरसंहार हुआ था. ब्रिटिश सेना ने सैकड़ों भीलों को बेरहमी से मार डाला, जो एक स्वदेशी समुदाय है. इस क्रूर घटना को कभी-कभी 1919 में हुए कुख्यात जलियांवाला बाग हत्याकांड के संदर्भ में "आदिवासी जलियांवाला" के रूप में संदर्भित किया जाता है. यह प्रस्तावित राज्य चार राज्यों, अर्थात गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से 43 जिलों को अलग करके बनाया जाएगा.

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भील प्रदेश में किस राज्य के कौन-कौनसे जिले 

  • गुजरात- अरवल्ली, महीसागर, दाहोद, पंचमहल, सूरत, बड़ोदरा, तापी, नवसारी, छोटा उदेपुर, नर्मदा, साबरकांठा, बनासकांठा और भरुचा

  • राजस्थान- बांसवाड़ा, डूंगरपुर, बाड़मेर, जालौर, सिरोही, उदयपुर, झालावाड़, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, कोटा, बारां, पाली
  • मध्य प्रदेश- इंदौर, गुना, शिवपुरी, मंदसौर, नीमच, रतलाम, धार, देवास, खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर, बड़वानी, अलीराजपुर
  • महाराष्ट्र- नासिक, ठाणे, जलगांव, धुले, पालघर, नंदुरबार, अलीराजपुर

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