Rajasthan: फिर टॉप-5 में आया राजस्थान का नाम, इस मामले में की तमिलनाडु की बराबरी

Rajasthan: कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में विभिन्न राज्यों की सभी अदालतों में जजों के खाली पदों के बारे में जानकारी दी है. इसमें उन्होंने राजस्थान के बारे में भी बताया कि राज्य में फिलहाल कितने पद खाली हैं.

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प्रतीकात्म तस्वीर

Jaipur News: संसद में गुरुवार को कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने विभिन्न राज्यों में जिला एवं अधीनस्थ न्यायपालिका में न्यायाधीशों की कमी को लेकर पूछे गए सवाल पर लोकसभा में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि वर्तमान में विभिन्न उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों के 367 पद रिक्त हैं. जिलों में जिला एवं अधीनस्थ न्यायपालिका में 5,320 जजों की कमी है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि सरकार इन मौजूदा रिक्तियों को जल्द भरने का प्रयास कर रही है. साथ ही उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों के रिक्त पदों को लेकर उन्होंने बताया कि अक्सर न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति, इस्तीफे या पदोन्नति और स्वीकृत पदों में वृद्धि के कारण ये पद रिक्त रह जाते हैं.

किन- किन राज्यों में कितने पद है खाली

लोकसभा में अपने जवाब में मेघवाल द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट में जजों के स्वीकृत पदों की संख्या 34 है, जबकि दो पद खाली हैं. हाईकोर्ट में जजों के कुल स्वीकृत पद 1,114 हैं. इसके साथ ही उन्होंने निचली अदालतों में जजों के खाली पदों की भी जानकारी दी, जिसमें उन्होंने बताया कि राजस्थान समेत उत्तर प्रदेश, गुजरात, बिहार, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और दिल्ली में कई पद खाली हैं.

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राजस्थान में  346,उत्तर प्रदेश 1002,गुजरात में 535, बिहार में 483, तमिलनाडू में 346, मध्यप्रदेश में 336 और दिल्ली में  94 रिक्तियां है. 

खाली पड़े पदों को हो रही है लगातार भरने की कोशिश

इसके अलावा अलग अलग कोर्ट में न्यायाधीशों के पड़े खाली पदों को लेकर उन्होंने आगे जानकारी देते हुए कहा कि मई 2014 से सरकार ने हाई कोर्ट के न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 906 से बढ़ाकर 1,122 (आज की तारीख तक) कर दी है. सरकार और न्यायपालिका के बीच सहयोगात्मक प्रयास के तहत 2014 से 10 फरवरी, 2025 तक विभिन्न उच्च न्यायालयों में 1,013 न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई है." 

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