Marwar smuggler Kanhaiyalal caught: सात वर्षों से फरार और 40 हजार रुपये के ईनामी मादक पदार्थ तस्कर कन्हैयालाल को साईक्लोनर टीम ने मध्यप्रदेश के नीमच जिले से गिरफ्तार कर लिया. मारवाड़ और मेवाड़ क्षेत्र के तस्करों का यह मुख्य मददगार साईक्लोनर टीम की महीनों की रणनीति के बाद माता मंदिर दर्शन की आस में पकड़ा गया.
पुलिस महानिरीक्षक विकास कुमार ने बताया कि आरोपी कन्हैयालाल (40), निवासी घसुण्डी बामणी, नीमच, अफीम और डोडा पोस्त की तस्करी में मुख्य कड़ी था. वह 2018 और 2022 में बड़ी मात्रा में डोडा पोस्त की खेपें तस्करों को सप्लाई कर चुका था, जिनमें वह वांछित था.
टीम ने कार्डन बनाकर घेराबंदी की
साईक्लोनर टीम ने ‘लीलटांस' नामक अभियान चलाकर आरोपी की पूरी गतिविधियों की गहराई से निगरानी की. गुरूपूर्णिमा पर आरोपी के आंतरी माता मंदिर जाने की सूचना पर टीम ने कार्डन बनाकर घेराबंदी की. बाइक से भागने की कोशिश में वह खेतों की ओर भागा, लेकिन टीम सदस्य मांगीलाल ने पीछा कर दबोच लिया.
आरोपी का परिवार कर्मकांडी था, लेकिन उसने मादक पदार्थ तस्करी को ही पेशा बना लिया. वह मारवाड़ के तस्करों का भरोसेमंद सहयोगी था. साईक्लोनर टीम अब मध्यप्रदेश से जुड़े अन्य नेटवर्क पर भी कार्रवाई की तैयारी में है.
ऑपरेशन का नामकरण
आरोपी के हमनाम कन्हैयालाल सेठिया राजस्थानी भाषा के विख्यात साहित्यकार रहे है, जिनकी साहित्य अकादमी से पुरष्कृत रचना का नाम है 'लीलटांस'. लीलटांस पक्षी की गर्दन विष के प्रभाव से नीली रहती है तथा यह कभी जमीन पर पैर नही रखता. कन्हैयालाल भी अपने सपने लेकर आसमान में उड़ता रहता था और समाज में जहर बांटने का कार्य करता था. अतः हमनाम कवि की रचना लीलटांस के आधार पर इस अभियान का नाम लीलटांस रखा गया.
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