NDTV Impact: कैशियर किरोड़ी लाल पर बड़ा एक्शन, बैंक मैनेजर पर भी गिरी गाज

Corruption News: एनडीटीवी ने बैंक के 2500 खाताधारकों से 8000 रुपए की वसूली और कई अनियमितताओं का मामला उजागर किया था.

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Jhalawar News: झालावाड़ जिले के मनोहर थाना कस्बे के बड़ौदा राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक में खाते बंद करने और पुनः खोलने के नाम पर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. एनडीटीवी ने बैंक के 2500 खाताधारकों से 8000 रुपए की वसूली और कई अनियमितताओं का मामला उजागर किया था. इसके बाद मामले में कार्रवाई की गई और बैंक मैनेजर और कैशियर को हटा दिया गया.

22 जुलाई को बैंक खातों में धोखाधड़ी काकिया था खुलासा

जानकारी के मुताबिक, 22 जुलाई को बैंक खातों में धोखाधड़ी का खुलासा सबसे पहले एनडीटीवी के जरिए हुआ था. इसके बाद जांच एजेंसियां ​​हरकत में आईं और जांच के नाम पर मामले को दबाने की कोशिश की गई, लेकिन एनडीटीवी ने पूरे मामले को प्रमुखता से उठाया और इसे लगातार खबरों में प्रकाशित और प्रसारित किया गया. इसके बाद मामला गंभीर होते देख विभागीय जांच बैठा दी गई. जिसमें बैंक मैनेजर और कैशियर की मिलीभगत सामने आई. इसके बाद कमेटी ने बैंक मैनेजर अश्विनी नायक और बैंक बीसी नंदराम को हटा दिया. बड़ौदा राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के क्षेत्र प्रबंधक कविश कुमार ने फोन पर यह जानकारी दी.

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नहीं हुई बैंक बीसी पर कार्रवाई

इन दोनों को हटाने के बाद भी पूरे मामले में कार्रवाई अभी भी अधूरी नजर आ रही है,क्योंकि इस मामले में मुख्य भूमिका निभाने वाले बैंक के बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट नंदराम पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है, बल्कि कहा जा रहा है कि बैंक के माध्यम से उनके परिवार के दूसरे परिवार के लोगों के नाम पर नए कॉरेस्पोंडेंट कोड जारी कर दिए गए हैं, जिसको लेकर ग्रामीण लगातार मिलीभगत की बात कह रहे हैं और मैनेजर और कैशियर को हटाना तथा बैंक बीसी पर अभी तक कोई कार्रवाई न करना बैंक को कटघरे में खड़ा कर रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि बैंक बीसी के खिलाफ ऑडियो-वीडियो और ग्रामीणों के बयान जैसे पुख्ता सबूत उपलब्ध हैं। ऐसे में बैंक को उसके खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करनी चाहिए.

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यह था मामला

मनोहर थाना कस्बे के बड़ौदा राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के 9000 खातों में सरकारी योजनाओं का पैसा गलती से आ गया था. यह देखकर बैंक मैनेजर ने पहले तो खातों को फ्रीज कर दिया और बाद में बैंक बीसी नंदराम ने ग्रामीणों से प्रति खाता 8000 रुपये की रिश्वत लेकर करीब 2500 खाते फिर से खोल दिए और उनसे पैसे निकालकर ग्रामीणों को दे दिए.

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