Rajasthan News: झुंझुनूं में वीरांगना की गुहार, शहीद स्मारक के लिए दो गज जमीन भी नहीं

स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन की अनदेखी न केवल शहीद की शहादत का अपमान है, बल्कि वीरांगना को मानसिक कष्ट भी दे रही है. शहीद के सम्मान का प्रतीक बनने वाला स्मारक तीन साल से अधूरा पड़ा है.

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वीरांगना विनोद देवी शहीद स्मारक का अधूरा काम पूरा करवाने के लिए लगातार संघर्ष कर रही हैं.

Jhunjhunu News: झुंझुनूं जिले की पहचान सेना और सैनिकों के सम्मान से जुड़ी है. लेकिन दुखद विडंबना यह है कि इसी जिले की एक वीरांगना अपने शहीद पति के स्मारक के लिए दो गज जमीन पाने को सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर है. आंखों में आंसू और मन में पीड़ा लिए वीरांगना की बस एक ही ख्वाहिश है कि अपने पति की यादों को संजोते हुए गांव में उनकी प्रतिमा स्थापित कर सकें.

मामला सूरजगढ़ उपखंड के कुम्हार की ढाणी का है. यहां भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITPB) के जवान राम सिंह ने देश की सेवा करते हुए प्राण न्यौछावर किए थे. उनकी पत्नी वीरांगना विनोद देवी वर्ष 2022 से शहीद स्मारक का अधूरा काम पूरा करवाने के लिए लगातार संघर्ष कर रही हैं. गांव में सार्वजनिक भूमि पर स्मारक निर्माण शुरू किया गया था.

शिकायतों के चलते निर्माण कार्य रोक दिया गया

लेकिन कुछ लोगों की आपत्ति और शिकायतों के चलते निर्माण कार्य रोक दिया गया. इसके बाद से वीरांगना विनोद देवी सूरजगढ़ से लेकर जिला मुख्यालय तक कई बार गुहार लगा चुकी हैं, मगर कहीं से कोई समाधान नहीं हुआ. उनका कहना है कि वह निजी खर्च से प्रतिमा लगाना चाहती हैं, लेकिन जमीन न मिलने से काम अधूरा पड़ा है.

ग्राम पंचायत से लेकर कलेक्टर तक लगाई गुहार

विनोद देवी का कहना है कि शहीद की अंत्येष्टि स्थल पर प्रतिमा लगाने के लिए स्ट्रक्चर तक बना दिया गया था. लेकिन शिकायतों के बाद काम रोक दिया गया और ग्राम पंचायत से लेकर कलेक्टर तक बार-बार गुहार लगाने के बावजूद उन्हें कोई सहयोग नहीं मिला. प्रशासन की इस उदासीनता से उनका दर्द और गहरा होता जा रहा है.

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