Rajasthan News: डूंगरपुर में 2 साल में घट गए वन्यजीव, सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े

Rajasthan News: डूंगरपुर में 2 साल बाद वन्यजीव की गणना हुई. 2 हजार 314 वन्य जीवों की संख्या घट गई है. सबसे अधिक मोर की संख्या कम हुई है. 

Advertisement
Read Time: 4 mins

Rajasthan News:  डूंगरपुर जिले में वन्यजीव गणना वन्यजीवों की संख्या घटी है. 3 लेपर्ड घटे हैं.  गिद्ध और सारस इस बार दिखे ही नहीं है. हालाकि, वन विभाग कमी के पीछे इस साल कम वाटर होल्स पर वन्यजीव गणना होना भी कारण बता रहा है.  

करीब 11 सौ मोर कम 

डूंगरपुर जिले 23 मई को हुई वन्य जीव गणना के आंकड़े सामने आए है.  2022 के बाद इस बार हुई वन्यजीव गणना में बड़ी संख्या में वन्यजीवों की कमी देखी गई. सबसे बड़ा असर मोर की गणना पर दिखाई दिया. 2022 की तुलना में इस बार 1 हजार 96 मोर कम हो गए हैं. जबकि, डूंगरपुर के वन क्षेत्र मोर से भरे रहते हैं. इससे पहले हर बार वन्य जीव गणना में मोर की संख्या बढ़ी है.  

लेपर्ड की संख्या में कमी देखने को मिली

इस बार 2 हजार 467 मोर गणना में सामने आए हैं. वहीं लेपर्ड की संख्या में भी कमी देखने को मिली है. 2 साल में 3 लेपर्ड काम हुए हैं. इस बार 3 मादा, 7 बच्चे सहित 18 लेपर्ड दिखाई दिए हैं. जबकि, 2022 में 21 लेपर्ड थे. वहीं 2022 की वन्यजीव गणना में दिखाई दिए सारस और गिद्ध इस बार गायब हो गए हैं. 8 सारस और 16 गिद्ध 2 साल पहले दिखे थे. वन्यजीवों की चिंताजनक है. वहीं वन प्रेमियों में भी निराशा है.  

 वन्यजीव गणना का आंकड़ा 

वन्यजीव               2024         2022      अंतर

Advertisement

1.  लेपर्ड               18             21           3

2.  सियार              77             224        147  

Advertisement

3.  जरख               51             111         60

4.  जंगली बिल्ली      32             65          33

Advertisement

5.  लोमड़ी              44            115         71

6.  मरू  लोमड़ी       16             0

7.  बिज्जू बड़ा           23            18

8.  कवर बिज्जु         14             0

9.  नीलगाय             1593        1953      360

10.  सूअर               744          1254      810

11.  सैही                 114           132       18

12.  लंगूर                1216         1258     42

13.  मोर                  2467         3563    1096

14.  मगर                 17             0

15.  सारस                0               8

16.  गिद्ध                  0              16

पानी की कमी बड़ी वजह

डीएफओ रंगास्वामी ने बताया की इस बार पानी की कमी की वजह से 38 वाटर हॉल पर ही वन्यजीव गणना की गई. जबकि, हर साल 65 वाटर हॉल पर वन्यजीव गणना की जाती है. पानी और वाटर हॉल की कमी की वजह से भी वन्यजीव गणना में कम नजर आए हैं. वहीं कई वन्यजीव गिनती में नजर ही नहीं आए.

यह भी पढ़ें: RPSC सदस्य जसवंत राठी का निधन, जयपुर के SMS अस्पताल में चल रहा था इलाज