Rajasthan News: राजस्थान के जोधपुर में रविवार को RPSC की वरिष्ठ शिक्षक भर्ती परीक्षा के दौरान अभ्यर्थियों ने पेपर लीक के आरोप लगाते हुए हंगामा किया था. अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि जोधपुर के बनाड़ के खेतेश्वर स्कूल में परीक्षा के दौरान खुले प्रश्न पत्र मिले. पेपर लीक के आरोप को लेकर परीक्षा केंद्र पर अभ्यर्थियों के हंगामे का वीडियो भी सामने आया था. पेपर लीक और खुले प्रश्नपत्र के आरोपों पर सोमवार को राजस्थान लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष ने यूआर साहू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने बताया कि प्रश्न पत्रों के सुरक्षा से लेकर परीक्षा केंद्र पर अभ्यर्थियों को बांटने तक किस तरह से सुरक्षा रहती है.
जोधपुर में पेपर लीक की अफवाह
आरपीएससी अध्यक्ष ने जोधपुर में वरिष्ठ शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक के आरोप को अफवाह बताते हुए कहा कि प्रश्न-पत्रों को परीक्षा केंद्र पहुंचाने के लिए 7 लेयर की सुरक्षा प्रणाली होती है. यूआर साहू ने कहा कि 7 सितंबर को एक अभ्यर्थी ने पेपर का पैकेट खुला होने की अफवाह परीक्षा कक्ष में फैलाई थी.
इस बारे में परीक्षा समन्वयक और अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट से रिपोर्ट मिली, जिसमें सामने आया कि अफवाह फैलाने वाला अभ्यर्थी बाड़मेर के गुढ़ामलानी का निवासी है. अभ्यर्थी को पूरी आस्तीन की शर्ट पहनने के कारण ड्रेस कोड नियमों के तहत रोका गया था. इसी बात से नाराज होकर उसने यह झूठा प्रचार किया था.
कैसी सुरक्षा कवच में होता प्रश्न-पत्र
- 2023 से सात लेयर सुरक्षा के साथ मेटल बॉक्स में भर्ती परीक्षा के प्रश्नपत्र भेजे जाते हैं.
- पहले प्रश्न-पत्र और उत्तर-पत्रक (ओएमआर शीट) को एक पारदर्शी प्लास्टिक पॉलीपैक में सील किया जाता है.
- फिर ऐसे पैक्ड 24 प्रश्न-पत्रों के सेट को एक नॉन ट्रांसपेरेंट पॉलीपैक में दोबारा पैक किया जाता है.
- 24 प्रश्न-पत्रों के इस प्रकार के नॉन ट्रांसपेरेंट पॉलीपेक सेट को मेटल बॉक्स में रखकर बक्से पर एक से अधिक नम्बर लॉक लगाए जाते हैं.
- इन नम्बर लॉक्स को भी इंटैक्ट गम पेपर से सील-चपड़ी लगाकर सुरक्षित किया जाता है.
- मेटल बॉक्स पर एक विशेष सिक्योरिटी स्ट्रिप सील लगाई जाती है.
- अंत में पूरे मेटल बॉक्स को मोटी प्लास्टिक शीट से लेमिनेट किया जाता है.
- परीक्षा से शुरू होने से पहले नम्बर लॉक कोड मिलता है.
9 लोगों सुरक्षित पैकिंग की करते पुष्टि
परीक्षा केंद्र के केन्द्राधीक्षक को परीक्षा शुरू होने से कुछ ही मिनट पहले उनके कीपैड मोबाइल पर एसएमएस के जरिए नम्बर लॉक खोलने का कोड भेजा जाता है. बॉक्स खोलने की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाती है और यह सुनिश्चित किया जाता है कि उस स्थान पर कोई भी संचार या इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मौजूद न हो.
इसके बाद परीक्षा कक्ष में परीक्षा शुरू होने से तुरंत पहले बॉक्स खोलते समय दो परीक्षार्थियों समेत कुल 9 व्यक्ति (केंद्राधीक्षक, सहायक केंद्राधीक्षक, दो पर्यवेक्षक, दो राजकीय अभिजागर और वीडियोग्राफर) मौजूद रहते हैं, जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि प्रश्न-पत्र पूरी तरह से सुरक्षित और सही ढंग से पैक होकर मिले हैं, जिसके बाद ही अभ्यर्थियों को बांटा जाता है.