Rajasthan:  'चंद लोग ही उठा रहे आरक्षण का लाभ' बांसवाड़ा में भारत बंद के विरोध में उतरे ST-SC समुदाय के ही लोग

Bharat Bandh: बांसवाड़ा में एसटी/एससी समाज ने कलेक्टर के माध्यम से सरकार को ज्ञापन भेजकर भारत बंद का बहिष्कार किया और संगठन से जुड़े विभिन्न समाजों के पदाधिकारियों ने भारत सरकार से शीघ्र 'कोटे में कोटा' आरक्षण लागू करने की मांग की है.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins

Bharat Bandh: सुप्रीम कोर्ट द्वारा SC-ST आरक्षण में क्रिमीलेयर और उपवर्गीकरण करने के फैसले के खिलाफ पूरे देश में आज SC-ST समुदाय ने भारत बंद का ऐलान किया है. दलित और आदिवासी संगठनों के भारत बंद को कई राजनीतिक संगठनों का भी समर्थन हासिल है. लेकिन बांसवाड़ा में इसी वंचित समुदाय का एक तबका भारत बंद का विरोध कर रहा है. उनका कहना है कि राजस्थान का भील आदिवासी समुदाय लंबे वक्त से आरक्षण में वर्गीकरण की मांग कर रहा है.  इस आरक्षण व्यवस्था से एक ही तबके को आरक्षण का लाभ मिल रहा है. 

भारत सरकार जल्द करे 'कोटे में कोटा' आरक्षण लागू

एसटी/एस सी समाज ने कलेक्टर के माध्यम से सरकार को ज्ञापन भेजकर भारत बंद का बहिष्कार किया और संगठन से जुड़े विभिन्न समाजों के पदाधिकारियों ने भारत सरकार से शीघ्र 'कोटे में कोटा' आरक्षण लागू करने की मांग की है. आदिवासी और दलित संगठनों की ओर से प्रो. कमलकांत कटारा ने बताया कि राजस्थान में भील समेत जनजाति समुदाय बरसों से कोटे में कोटा आरक्षण लागू करने की मांग कर रहा है.

'यह बंद भारत के संविधान के विरोध में है'

उन्होंने कहा कि बहुसंख्यक दलित जातियां भी आज तक मुख्यधारा से बिल्कुल दूर हैं और वो भी कोटे में कोटा आरक्षण लागू करने के लिए निरंतर मांग करती आ रही हैं. ऐसे में यह बंद भारत के संविधान के विरोध में है. कटारा ने कहा कि यह बंद सामाजिक न्याय और लोकतंत्र के विरोध में है.

इसलिए आदिवासी आरक्षण मंच, अंबेडकर वेलफेयर सोसायटी बांसवाड़ा, वसीटा सेवा संस्थान बांसवाड़ा, जांबूखंड जन अधिकार मंच, बुनकर समाज विकास समिति, डाबगर सेवा संस्थान, बांसफोड़ समाज, वाल्मीकि समाज, खटीक समाज,मोची समाज आदि संगठनों ने भारत बंद का बहिष्कार करते हुए 'कोटे में कोटा' आरक्षण लागू करने के लिए ज्ञापन भेजा है. 

Advertisement

यह भी पढ़ें - भारत बंद और आरक्षण पर आमने-सामने आये दो आदिवासी नेता किरोड़ी लाल मीणा और राजकुमार रोत