Rajasthan: बिना लाइसेंस 2 साल से चल रहा था पेट्रोल पंप, अब पुलिस कर रही रेड और खुलासा

विभागीय जांच में सामने आया कि पेट्रोल पंप का फ्रेंचाइजी एग्रीमेंट एस्सार कम्पनी  (अब नायरा) के साथ 31 मई 2023 को निरस्त कर दिया था. इसके बावजूद कंपनी की आड़ पेट्रोल पंप का संचालन किया जा रहा था.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

Rajasthan Petrol Pump: राजस्थान के सांचौर में नामी कंपनी की आड़ में चल रहे पेट्रोल पंप पर पुलिस रेड के बाद चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि करीब 2 साल पहले ही लाइसेंस खत्म हो चुका था. जबकि उसे रिन्यू भी नहीं कराया गया था. लेकिन पेट्रोल पंप को अवैध तरीके से लगातार संचालन नामी कंपनी की आड़़ में धड़ल्ले से चल रहा था. वहीं पुलिस ने अब इस मामले कार्रवाई की है और पेट्रोल पंप को सीज किया है. 

बताया जा रहा है कि पुलिस और डीएसओ टीम ने कार्रवाई करते हुए पंप से सेंपल लिये हैं. साथ ही मौके से करीब 2448 लीटर पेट्रोलियम पदार्थ को जब्त कर लिया है. पेट्रोल पंप को फिलहाल सीज करते हुए पूरी तरह से बंद कर दिया है और DSO ने सांचौर थाने में पेट्रोलियम अधिनियम व आवश्यक अधिनियम के तहत पेट्रोल पंप मालिगक पूनमाराम चौधरी के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. पूरे मामले की जांच रिपोर्ट भी जिला कलेक्टर को सौंप दी गई है. 

Advertisement

ना लाइसेंस और ना ही NOC समेत अन्य दस्तावेज

विभागीय जांच में सामने आया कि पेट्रोल पंप का फ्रेंचाइजी एग्रीमेंट एस्सार कम्पनी  (अब नायरा) के साथ 31 मई 2023 को निरस्त कर दिया था. इसके बावजूद कंपनी की आड़ पेट्रोल पंप का संचालन किया जा रहा था. वहीं इसके अलावा पंप के ऑफिस में उपभोक्ता विभाग द्वारा जारी सत्यापन प्रमाण पत्र और पेट्रोलियम तथा विस्फोटक सुरक्षा संगठन द्वारा जारी भंडारण एनओसी सहित अन्य दस्तावेज भी नहीं पाए गए हैं.

Advertisement

सम्बंधित विभाग पर खड़े हो रहे सवाल आखिर इतने दिन क्यों नहीं की कार्रवाई?

जानकारी के अनुसार करीब 2 वर्ष पहले लाइसेंस निरस्त कर दिया गया था. लेकिन उसके बावजूद नियमों को ताक पर रखकर अवैध तरीके से पेट्रोल पंप का संचालन जारी था. शिकायतों के बाद में अब सहायक पुलिस अधीक्षक काम्बले शरण गोपीनाथ के द्वारा छापेमारी की और फिर रसद विभाग के अधिकारियों को सूचना दी. ऐसे में बड़ा सवाल है कि रसद विभाग ने स्वयं यह कार्रवाई क्यों नहीं की. क्योंकि एस्सार जो कि अब नायरा के नाम से संचालित होता है. लेकिन इन लोगों के द्वारा पुराने नाम के साथ पेट्रोल बेचा जा रहा था. फिर भी राजनीतिक संरक्षण के चलते कोई कार्रवाई नहीं हो पाई. वहीं लाइसेंस निरस्त होने के बाद में डिपो से पेट्रोलियम पदार्थों की सप्लाई भी बंद कर दी गई थी. लेकिन फिर इस पेट्रोल पंप पर अवैध तरीके से पेट्रोल डीजल लाकर बिक्री की जा रही थी.

Advertisement

यह भी पढ़ेंः IIFA में दो दिन में 2000 करोड़ की कमाई, राजस्थान में गरीबों की रोटी नहीं.. तो किस आधार पर सरकार ने दिये 100 करोड़- खाचरियावास