संत मोहनराम मर्डर केस में बड़ा खुलासा, पुलिस ने एक आरोपी किया गिरफ्तार

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजय गुप्ता ने बताया कि आरोपियों ने जब संत मोहनराम का मुंह बांध दिया था, जिससे दम घुटने से उनकी मौत हो गई. उन्होंने बताया की मामले में गिरफ्तार आरोपी बजरंग लाल से पूछताछ की जा रही है और मामले से जुड़े अन्य आरोपियों की पुलिस की टीम तलाश कर रही है.

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आश्रम में मृत पाए गए संत मोहनराम की फाइल फोटो
Didwana:

कुचामन पुलिस ने संत मोहनराम हत्या मामले में मंगलवार को बड़ा पर्दाफाश किया. मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक चोरी के इरादे से आश्रम में घुसे आरोपी और उसके साथियों के साथ मिलकर संत की निर्मम हत्या की थी. पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने 3 लाख रुपए के लालच में संत मोहनराम की हत्या को अंजाम दिया.

एक प्रेस कांफ्रेंस में मामले का खुलासा करते हुए डीडवाना-कुचामन जिले के पुलिस अधीक्षक प्रवीण नूनावत ने बताया कि संत मोहनराम की हत्या के मामले में पुलिस ने गांव के ही बजरंग लाल नामक शख्स को गिरफ्तार किया है, जबकि उसके बाकी साथियों की पुलिस तलाश कर रही है.

आरोपियों ने चारपाई पर सोते हुए संत मोहनराम को दबोचकर उनके हाथ और पैर मुंह बांधकर नीचे पटक दिया और पास ही स्थित कमरे में प्रवेश कर वहां रखे सोने, चांदी के जेवरात व नकदी चुरा कर ले गए. मामले में संदिग्ध बजरंगलाल से गहन पूछताछ की गई तो वो पुलिस पूछताछ में टूट गया और उसने सेवादार संत मोहनराम की हत्या की बात कबूल कर ली. 

गौरतलब है गत 13 और 14 अगस्त की रात को रसाल की हरिराम बाबा की बगीची में सेवा करने वाले सेवादार संत मोहनराम की हत्या कर दी गई थी. इस बारे में सूचना मिलने पर कुचामन थानाधिकारी सुरेश कुमार चौधरी मौके पर पहुंचे थे. पुलिस के मुताबिक संत मोहनराम जिस कमरे में रहते थे, वहां सामान बिखरा हुआ था और कमरे के बाहर चारपाई के पास मोहनराम का शव था. हत्यारों ने मोहनराम के हाथ, पैर और मुंह बांध दिए थे. मामले की जानकारी मृतक के पुत्र नाथूराम ने कुचामन पुलिस को दी थी.

संत मोहनराम की हत्या का आरोपी गिरफ्तार

रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 143, 302 और एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की. जांच अधिकारी पुलिस उपाधीक्षक विकास के नेतृत्व में टीम ने क्षेत्र में संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ करना शुरू किया और अन्य साक्ष्यों के आधार पर अनुसंधान आगे बढ़ाया. पुलिस ने कड़ी से कड़ी जोड़कर संदिग्ध व्यक्तियों को चिन्हित किया और नामजद आरोपी दशरथसिंह उर्फ जस्सू सिंह से भी घटना के संबंध में गहन पूछताछ की.

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इसी दौरान आरोपियों ने चारपाई पर सोते हुए संत मोहनराम को दबोचकर उनके हाथ और पैर मुंह बांधकर नीचे पटक दिया और पास ही स्थित कमरे में प्रवेश कर वहां रखे सोने, चांदी के जेवरात व नकदी चुरा कर ले गए. मामले में संदिग्ध बजरंगलाल से गहन पूछताछ की गई तो वो पुलिस पूछताछ में टूट गया और उसने सेवादार संत मोहनराम की हत्या की बात कबूल कर ली.

उसने पुलिस को बताया कि उसे और उसके साथियों को जानकारी मिली थी कि संत मोहनराम को गांव के एक शख्स ने 3 लाख रुपए दिए हैं. इन रुपयों को वे लोग चुराना चाहते थे.  इसके लिए बजरंग लाल अपने साथियों के साथ योजना बनाकर 13 अगस्त की रात को हरिराम बाबा की बगीची पहुंचे, जब आरोपी वहां पहुंचे तब संत मोहनराम बगीची के बाहर लगे टीनशेड के नीचे लगी चारपाई पर सो रहे थे.

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अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजय गुप्ता ने बताया कि आरोपियों ने जब संत मोहनराम का मुंह बांध दिया था, जिससे दम घुटने से उनकी मौत हो गई. उन्होंने बताया की मामले में गिरफ्तार आरोपी बजरंग लाल से पूछताछ की जा रही है और मामले से जुड़े अन्य आरोपियों की पुलिस की टीम तलाश कर रही है. 

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