सरकारी योजनाओं में सेंध लगाकर करोड़ों रूपये उड़ाए, राजस्थान में पुलिस ने किया साइबर गिरोह का खुलासा 

एसपी ने बताया कि “ऑपरेशन शटडाउन-2” देश में साइबर ठगी के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी और संगठित कार्रवाई है, जिसने सरकारी योजनाओं की सुरक्षा प्रणाली को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं.

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Rajasthan News: झालावाड़ पुलिस ने ''ऑपरेशन शटडाउन-2'' के तहत देशभर में सक्रिय एक संगठित अन्तर्राज्यीय साइबर गिरोह का भंडाफोड़ किया है. यह गिरोह केंद्र और राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं में सेंध लगाकर करोड़ों रुपए की ठगी कर रहा था. पुलिस की यह कार्रवाई राजस्थान के साथ-साथ देशभर के साइबर अपराध तंत्र के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है.

पुलिस के अनुसार, यह गिरोह प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, आपदा प्रबंधन सहायता पोर्टल, पेंशन योजनाओं और अन्य कल्याणकारी योजनाओं में फर्जीवाड़ा कर रहा था. गिरोह के सदस्य सरकारी वेबसाइटों के क्लोन पोर्टल बनाकर या वैध लॉगिन आईडी हैक कर लाभार्थियों के खातों में हेराफेरी करते थे. निष्क्रिय या मृत लाभार्थियों की जगह अपने बैंक खातों का लिंक जोड़कर वे सरकारी धन को अपने नियंत्रण में ले लेते थे.

गिरोह के तार दिल्ली, पंजाब, असम, गुजरात और उत्तर प्रदेश तक

इस गिरोह के तार राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, असम, गुजरात और उत्तर प्रदेश तक फैले हुए हैं. झालावाड़ साइबर पुलिस की विशेष टीम ने कई दिनों की निगरानी और तकनीकी विश्लेषण के बाद गिरोह के चार मुख्य सदस्यों, मोहम्मद शाहिद, मोहम्मद लईक, सुभाष और रोहित कुमार सहित छह को गिरफ्तार किया है. सभी पर 25-25 हजार रुपए का इनाम घोषित था. गिरफ्तार आरोपियों से पुलिस ने बड़ी मात्रा में फर्जी आधार कार्ड, मोबाइल सिम, लैपटॉप, बैंक पासबुक, और सरकारी लॉगिन क्रेडेंशियल्स बरामद किए हैं.

बल्क ट्रांजैक्शन के जरिए फर्जी खातों में सरकारी धन ट्रांसफर

जांच में सामने आया है कि यह गिरोह योजनाओं के पोर्टलों पर डेटा मैनिपुलेशन कर लाभार्थियों की पहचान बदल देता था और बल्क ट्रांजैक्शन के जरिए फर्जी खातों में सरकारी धन ट्रांसफर करता था. आरोपी तकनीकी रूप से प्रशिक्षित थे और साइबर सुरक्षा के कई स्तरों को बायपास करने में माहिर थे. झालावाड़ एसपी के निर्देशन में गठित विशेष जांच टीम ने इस पूरी कार्रवाई को अंजाम दिया. पुलिस अब इस नेटवर्क से जुड़े अन्य राज्यों के अपराधियों की तलाश कर रही है.

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एसपी ने बताया कि “ऑपरेशन शटडाउन-2” देश में साइबर ठगी के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी और संगठित कार्रवाई है, जिसने सरकारी योजनाओं की सुरक्षा प्रणाली को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं.

पुलिस अब गिरोह के डिजिटल फुटप्रिंट का विश्लेषण कर यह पता लगाने में जुटी है कि अब तक कितनी योजनाओं से और कितनी राशि का दुरुपयोग किया गया. जिला पुलिस अधीक्षक ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध कॉल, वेबसाइट या लिंक से सावधान रहें और साइबर अपराध की शिकायत तत्काल निकटतम थाना या साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दर्ज कराएं.

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