Rajasthan News: राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के सुप्रीमो और खींवसर से विधायक हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) लड़ सकते हैं. शुक्रवार को उनकी एक सोशल मीडिया पोस्ट से ऐसा इशारा मिल रहा है. बेनीवाल ने 'एक्स' पर एक तस्वीर शेयर करते हुए बीते 5 साल में सांसद रहते हुए किए गए अपने कामों का लेखा-जोखा जनता के सामने रखा है.
सांसद निधि राशि का पूरा खर्च
फोटो के कैप्शन में बेनीवाल ने लिखा है, 'बतौर सांसद मैंने सांसद निधि के तौर पर प्राप्त हुई राशि का पूर्ण उपयोग करके 20.87 करोड़ से नागौर संसदीय क्षेत्र में जनता, कार्यकर्ताओं व जन-प्रतिनिधियों की मंशा के अनुरूप विभिन्न विकास कार्य करवाए हैं. वहीं DMFT फंड से भी 93.82 करोड़ रुपये की राशि से नागौर संसदीय क्षेत्र के साथ नागौर जिले में विभिन्न विकास कार्य करवाए! क्षेत्र के विकास के लिए सांसद कोष, DMFT फंड के अलावा लगातार प्रयास करके राज्य व केंद्र की योजनाओं के माध्यम से भी विभिन्न विकास कार्य करवाए!'
बेनीवाल ने बताए विशेष कार्य
बेनीवाल ने बतौर सांसद किए गए विशेष कार्यों का भी तस्वीर में जिक्र किया है. उन्होंने लिखा है कि देश में सबसे पहले नागौर संसदीय क्षेत्र व नागौर जिले के अस्पतालों में कोरोना काल के दौरान वेंटिलेटर सहित जीवन रक्षक उपकरण व अन्य सामग्री खरीद हेतु 50 लाख रुपये की स्वीकृति सांसद कोष से की. इसके अलावा दिव्यांगजनों के लिए स्कूटियों हेतु सासंद कोष से 25 लाख रुपये, और डीएमएफटी के बजट से 50 लाख रुपये स्वीकृत किए. वहीं जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल कनेक्शन पहुंचाने के लिए 520 करोड़ रुपये की राशि से अधिक के कार्य पूर्ण करवाए.
कांग्रेस से गठबंधन में देरी
हनुमान बेनीवाल के इस दांव से उनके लोकसभा चुनाव में उतरने का इशारा तो मिल रहा है, लेकिन अभी तक उनकी भूमिका को लेकर असमंजस बना हुआ है. सबकी निगाहें आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल पर आकर टिक गई हैं कि आखिर लोकसभा चुनाव में हनुमान बेनीवाल का क्या रुख रहेगा? हनुमान बेनीवाल का झुकाव किस और होगा? क्या वह खुद चुनाव लड़ेंगे या उनका कांग्रेस से गठबंधन होगा? चर्चा चल रही है कि हनुमान बेनीवाल ने कांग्रेस से दो सीटें मांगी हैं, जो नागौर और बाड़मेर हैं. इन सीटों पर हनुमान बेनीवाल की कांग्रेस आलाकमान से अंदरखाने बातचीत चल रही है.
तीसरी बार मिर्धा vs बेनीवाल!
नागौर में भाजपा ने ज्योति मिर्धा को उम्मीदवार बनाया है. हालांकि ज्योति मिर्धा विधानसभा का चुनाव भी लड़ी थीं, मगर उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. इसके बावजूद भाजपा ने उन पर दोबारा भरोसा जताया है. दूसरी ओर अगर कांग्रेस और आरएलपी का गठबंधन हो जाता है तो हनुमान बेनीवाल संयुक्त उम्मीदवार होंगे. ऐसे में ज्योति मिर्धा के लिए यह चुनाव जीतना आसान नहीं होगा. क्योंकि नागौर लोकसभा सीट के समीकरण कुछ ऐसे बनेंगे, जिनमें कांग्रेस और आरएलपी दोनों मिलकर ज्योति मिर्धा के सामने बड़ी चुनौती पेश कर सकते हैं. क्योंकि 2019 में हनुमान बेनीवाल ने एनडीए उम्मीदवार के रूप में ज्योति मिर्धा को बड़े अंतर से हराया था. वहीं 2014 के चुनाव में भी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में बेनीवाल चुनावी मैदान में उतरे थे और ज्योति मिर्धा के वोट बैंक में बड़ी सेंध लगाई थी, जिसका परिणाम यह हुआ कि भाजपा के उम्मीदवार सी.आर. चौधरी यह चुनाव जीत गए थे. अगर आरएलपी-कांग्रेस का गठबंधन हो जाता है और बेनीवाल प्रत्याशी बनते हैं तो यह तीसरा मौका होगा, जब ज्योति मिर्धा और हनुमान बेनीवाल एक दूसरे के प्रतिद्वंदी होंगे.
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