9 नए जिले खत्म होने पर राजस्थान में आक्रोश, अनूपगढ़ में बाजार बंद; नीमकाथाना में कल से महापड़ाव

लोगों का मानना है कि सरकार को यदि जिला निरस्त ही करना था तो आधारभूत ढांचा तैयार करने के लिए घोषणाएं क्यों की. लोगों को सरकार का यह निर्णय रास नहीं आ रहा है.

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9 नए जिले खत्म होने पर राजस्थान में आक्रोश

Rajasthan News: राजस्थान में भजनलाल सरकार द्वारा गहलोत राज में बने 9 नए जिले खत्म करने के बाद लोगों का विरोध प्रदर्शन जारी है. राज्य के अलग-अलग हिस्सों में लोग सरकार के फैसले के खिलाफ विरोध दर्ज करा रहे हैं. सोमवार को नीमाकाथाना और अनूपगढ़ में लोगों ने अनिश्चितकानीन बंद का आह्वान किया है. इसके साथ ही लोगों ने हाईवे बंद करने की चेतावनी दे डाली है. नीमकाथाना में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर लोगों ने कल से कलेक्ट्रेट के बाहर अनिश्चितकाल के लिए महापड़ाव शुरू करने की घोषणा की है.

इन 9 नए जिले को सरकार ने किया खत्म

दरअसल, पिछली गहलोत सरकार ने जिन 17 नए जिलों को गठन किया था, उनमें अनूपगढ़ और नीमकाथाना का नाम भी शामिल था. हालांकि, राज्य में बीजेपी सरकार बनने के एक साल के अंदर 17 में से 9 नए जिलों को भजनलाल सरकार ने खत्म करने का फैसला कर दिया है. शनिवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में दूदू, केकड़ी, शाहपुरा, नीमकाथाना, गंगापुरसिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, अनूपगढ़ और सांचौर जिले को निरस्त करने का सरकार ने निर्णय लिया. 

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कलेक्ट्रेट के बाहर शुरू होगा महापड़ाव

अब इसी के बाद लोग जिलों को निरस्त करने के खिलाफ बीते दो दिन से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. नीमकाथाना में व्यापारिक संगठनों की ओर से आज से अनिश्चितकालीन बंद का आह्वान किया गया है. इसके साथ ही तो वही आज जिला बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले नीमकाथाना विधायक सुरेश मोदी के नेतृत्व में कलेक्टर शरद मेहरा को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर नीमकाथाना जिले को यथावत रखने की मांग की गई. कल से कलेक्ट्रेट बाहर अनिश्चितकाल के लिए महापड़ाव शुरू किया जाएगा. नीमकाथाना को जिला खत्म किये जाने के बाद, नीमकाथाना जिला संघर्ष समिति ने ट्रेन रोकने की चेतावनी दी है. 

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सरकार के निर्णय के बाद एक बार फिर अनूपगढ़, रावला, घड़साना के लोगों के लिए जिला मुख्यालय तक दूरी बढ़ गई है. इससे आमजन के लिए काफी मुश्किल भरा सफर होगा.

कांग्रेस के साथ बीजेपी के भी लोग फैसले से नाखुश 

उधर अनूपगढ़ में भी कांग्रेस के पदाधिकारी सरकार के इस फैसले को निराशाजनक और राजनीतिक द्वेषता से भरा हुआ फैसला बता रहे हैं तो वहीं भाजपा के पदाधिकारी भी इस फैसले से खुश नहीं हैं. लोगों का मानना है कि सरकार ने यदि अनूपगढ़ को जिला निरस्त ही करना था तो आधारभूत ढांचा तैयार करने के लिए घोषणाएं क्यों की. लोगों को सरकार का यह निर्णय रास नहीं आ रहा है. अनूपगढ़ नया जिला बनने के बाद 16 जिला स्तरीय कार्यालय खुल गए थे और 14 कार्यालय खुलने बाकी हैं. 

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बता दें कि अनूपगढ़ को जिला बनाने के बाद अनूपगढ़ घड़साना, रावला सहित अंतिम छोर की मंडियों के लोगों की जिला मुख्यालय तक पहुंच नजदीक हो गई थी. लेकिन अब सरकार के निर्णय के बाद एक बार फिर अनूपगढ़, रावला, घड़साना के लोगों के लिए जिला मुख्यालय तक दूरी बढ़ गई है. रावला से श्रीगंगानगर की दूरी लगभग 200 किलोमीटर है. जिसका सबसे ज्यादा खामियाजा अंतराष्ट्रीय सीमा से लगते रावला- घडसाना क्षेत्र के लोगों को उठाना पड़ेगा.

कलेक्टर और एसपी से मिलने के लिए जाना पड़ेगा 200 किमी दूर

श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय से रावला उप तहसील के 365 हेड की दूरी लगभग सवा 200 किलोमीटर है. ऐसे में जब अनूपगढ़ को जिला निरस्त कर दिया गया है तो रावला- घडसाना क्षेत्र के लोगों को लगभग सवा 200 किलोमीटर की दूरी जिला मुख्यालय आने के लिए तय करनी पड़ेगी, जबकि अनूपगढ़ महज 70 किलोमीटर की दूरी पर ही स्थित है. ऐसे में आमजन को जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से मिलने के लिए लगभग 450 किलोमीटर की दूरी एक ही दिन में तय करनी पड़ेगा.