Rajasthan Politics: क्या है संजीवनी घोटाला, जिस पर गहलोत और शेखावत आए आमने-सामने, समझिए मां और मानहानि का पूरा विवाद

Rajasthan News: बहुचर्चित संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी घोटाले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत एक बार फिर आमने-सामने आ गए हैं.

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Ashok Gehlot ( Left) Gajendra singh Shekhawat ( Right)

sanjivani credit cooperative society scam: राजस्थान के बहुचर्चित संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत एक बार फिर आमने-सामने हैं. ताजा मामला अशोक गहलोत द्वारा केस वापस लेने की बात करने और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा घोटाले में अपनी मां का नाम सार्वजनिक रूप से आने के बाद केस वापस लेने के इनकार से जुड़ा है.

केंद्रीय मंत्री शेखावत की मां पर की थी ये टिप्पणी

2023 में सीएम रहते हुए अशोक गहलोत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर संजीवनी घोटाले में शेखावत के परिवार के शामिल होने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि इस घोटाले में शेखावत की मां, पत्नी और यहां तक ​​कि पिता भी शामिल हैं. मार्च 2023 में अशोक गहलोत ने यहां तक ​​कह दिया था कि एसओजी जांच में उनका अपराध साबित हो चुका है और उनकी मां भी आरोपी हैं.

मानहानि का केस वापस नहीं लेंगे शेखावत 

इसी मामले में हाल ही में अशोक गहलोत ने केंद्रीय मंत्री शेखावत से उनके खिलाफ मानहानि का केस वापस लेने को कहा था. इस पर गजेंद्र सिंह शेखावत ने जवाब दिया है कि गहलोत ने सार्वजनिक मंच पर उनकी दिवंगत मां को बदनाम किया है. शेखावत ने साफ कहा कि वह गहलोत के खिलाफ दायर मानहानि का केस वापस नहीं लेंगे.

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SOG रिपोर्ट में परिवार को माना गया था आरोपी

दरअसल, पिछली कांग्रेस सरकार ने हाईकोर्ट को बताया था कि 12 अप्रैल 2023 की एसओजी रिपोर्ट में शेखावत, उनकी पत्नी, माता-पिता समेत 68 लोगों को आरोपी माना गया था. गहलोत ने इस रिपोर्ट को पब्लिक डोमेन में लाते हुए कहा कि पेज 7 पर शेखावत और उनके परिवार की सीधी भूमिका का जिक्र है. रिपोर्ट के मुताबिक, जिन कंपनियों के जरिए निवेशकों से ठगी की गई, उनमें शेखावत की भूमिका की जांच चल रही है.

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 दोनों तरफ से जारी है राजनीतिक बयानबाजी

उधर, शेखावत ने भी अपनी मां और परिवार के सदस्यों पर टिप्पणी करने के मामले में पूर्व सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ दिल्ली में मानहानि का केस दर्ज कराया हुआ है. जो कोर्ट में लंबित है. अक्टूबर 2023 में दिल्ली सेशन कोर्ट ने इस मामले में कोई अंतिम आदेश नहीं दिया. दिसंबर 2023 में हाईकोर्ट ने गहलोत से जवाब तलब किया और सुनवाई जनवरी 2024 तय की. अभी तक कोई अंतिम फैसला सामने नहीं आया है, यह पूरा मामला अभी कानूनी प्रक्रिया में है और अब दोनों तरफ से राजनीतिक बयानबाजी जारी है.

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