Rajasthan Politics: 48 जिले, 3000 दावेदार, कांग्रेस किसे बनाएगी जिलाध्यक्ष? आज दिल्ली में तय होगा नाम, जल्द लगेगी मुहर

Rajasthan news: कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान के तहत राजस्थान के जिला अध्यक्षों के नामों पर आज यानी शुक्रवार को मुहर लग सकती है.इसके लिए 48 जिलों से 3000 नेताओं ने अपनी उम्मीदवारी पेश की है.

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दिल्ली में होगी कांग्रेस के जिलाध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर मीटिंग

Rajasthan News: कांग्रेस पार्टी की ओर से राजस्थान में जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के लिए संगठन सृजन अभियान चल रहा है. अभियान के तहत हर जिले से 6-6 नामों के पैनल तैयार किए गए हैं. इस पर पहला मंथन आज यानी शुक्रवार को दिल्ली में होगा. इस बैठक में शामिल होने के लिए पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली सहित कई नेता गुरुवार को दिल्ली रवाना हुए.

दो बैठकों में लगेगी नामों पर मुहर

इसको लेकर एआईसीसी (AICC)  मुख्यालय दिल्ली पर दो अहम बैठक होगी. पहली बैठक में कांग्रेस पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल शुक्रवार को प्रदेश के सभी 30 केंद्रीय पर्यवेक्षकों से वन टू वन संवाद करेंगे. वहीं, दूसरी बैठक में वेणुगोपाल प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, जूली, डोटासरा के साथ भी रायशुमारी में आए नामों पर चर्चा करेंगे.

48 जिलों में 3000 नेताओं ने पेश की दावेदारी

वहीं, जिलाध्यक्ष बनने की होड़ में दावेदार नेताओं ने भी दिल्ली में डेरा डाल लिया है. पार्टी में 50 जिलों में से 48 जिलों में जिलाध्यक्ष पद के लिए करीब 3000 नेताओं ने दावेदारी पेश की हैं. अंता विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के कारण बारां और झालावाड़ जिले में अभी कार्यकर्ताओं से रायशुमारी नहीं की गई है.

कांग्रेस की गुटबाजी और आंतरिक कलह देखने को मिली

वहीं, दूसरी ओर संगठन सृजन अभियान के तहत कई जिलों में कांग्रेस की गुटबाजी और आंतरिक कलह देखने को मिली. इसे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी एक्स पर पोस्ट की थी. गहलोत ने 12 अक्टूबर को लिखा था कि "संगठन सृजन अभियान कांग्रेस अध्यक्ष श् @kharge एवं नेता प्रतिपक्ष @RahulGandhi का एक नायाब प्रयोग है जिसमें जिले के सभी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं की राय लेकर जिला अध्यक्ष चुना जाएगा. 

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किसी खास नेता को जिला अध्यक्ष बनाने की सिफारिश अनुचित-

गहलोत ने अपने ट्वीट में आगे कहा, "कई जगहों से ऐसी खबरें आई हैं कि किसी खास नेता को जिला अध्यक्ष बनाने या किसी वरिष्ठ नेता को जिला अध्यक्ष नियुक्त करने के लिए अधिकृत करने के प्रस्ताव पारित किए जा रहे हैं, जो अनुचित है. किसी वरिष्ठ नेता के माध्यम से अपने प्रभाव का इस्तेमाल करना या पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा प्रस्ताव पारित करना आलाकमान की भावना के अनुरूप नहीं है. इस अभियान का उद्देश्य ही यह है कि पर्यवेक्षक सभी से चर्चा करके जिला अध्यक्ष का चयन करें, जिससे सभी पार्टी कार्यकर्ताओं की भागीदारी सुनिश्चित हो."

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