राजस्थान में 11 लोकसभा सीटों पर क्यों हारी बीजेपी? मंथन में बड़ी वजह आई सामने

Rajasthan Politics: लोकसभा चुनाव में इस बार 25 सीटों में से 11 सीटों पर हार के बाद भाजपा ने हाई लेवल का मंथन किया है. बीजेपी दफ्तर में सीटों पर के कारणों पर चर्चा हुई. फीडबैक में सामने आया कि ग्राउंड पर सब कुछ ठीक नहीं था. 

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भाजपा की समीक्षा बैठक में सीएम भजनलाल शर्मा भी मौजूद थे.

Rajasthan Politics:  भाजपा दफ़्तर में दो दिनों से जारी इस कवायद में हार के कारणों पर रिपोर्ट तैयार की गई है. रिपोर्ट राष्ट्रीय संगठन को भेजी जाएगी. इस रिपोर्ट के आधार पर ही आने वाले दिनों में संगठन में पर बदलाव संभव है. आज यानी 16 जून को दूसरे दिन दिन सबसे पहले भरतपुर लोकसभा सीट को लेकर चर्चा हुई. इस सीट पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी मौजूद थे. 

"विपक्ष ने आरक्षण खत्म करने का दिखाया डर "

इसके बाद बांसवाड़ा डूंगरपुर, टोंक सवाईमाधोपुर और श्रीगंगानगर सीट पर हार के कारणों पर मंथन हुआ. अधिकांश सीटों पर हार के कारणों की बड़ी वजह इस बार कांग्रेस का जनता के बीच ये नेरेटिव बनाने में कामयाब रहना रहा. भाजपा के 400 पार के बाद संविधान में बदलाव की बात कही गई. यही वजह है कि रिज़र्वेशन ख़त्म होने के डर से SC-ST वोट बैंक भाजपा से छिटक गया, जिसका असर अधिकांश सीटों पर दिखाई दिया. 

आपसी गुटबाजी और संगठन की निष्क्रियता बड़ी वजह 

 इसके अलावा इस बार जातीय समीकरणों के लिहाज से जाट वोट बैंक की भाजपा से नाराजगी भी भारी साबित हुई.  राजस्थान इस बार कांग्रेस के 5 जाट नेता सांसद का चुनाव जीतने में कामयाब रहे. भाजपा की हार के कारणों पर अलग-अलग सीटों पर कहीं आपसी गुटबाजी तो कहीं संगठन की निष्क्रियता भी बड़ी वजह रही.  

टिकट वितरण और बड़े नेता अपनी ही सीटों पर व्यस्त रहे  

इसके अलावा कुछ नेताओं ने हार के बड़े कारणों में खराब टिकट वितरण और बड़े नेताओ का अपनी ही सीटों पर व्यस्त रहना भी बताया है. चूरू सीट पर हार के कारणों में एक बड़ा कारण चुनाव का जातीय आधार पर लड़ा जाना भी माना गया. ये भी कहा गया कि कांग्रेस इस बार भाजपा के मुकाबले अपने वोट बैंक को मजबूत करने में कामयाब रही. जबकि, भाजपा स्थानीय मुद्दों की बजाय सभी सीटों पर राष्ट्रीय मुद्दों के आधार पर चुनाव लड़ती रही.

15 जून को 7 लोकसभा सीटों पर हार के कारणों की चर्चा की गई 

इससे पहले कल दिन भर भाजपा दफ्तर में 7 लोकसभा सीटों पर हार के कारणों की चर्चा की गई थी. टोंक-सवाई माधोपुर, नागौर, बाड़मेर, सीकर, झुंझुनूं, चूरू और दौसा सीटों पर हार की समीक्षा गई थी. बैठकों में बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, लोकसभा चुनाव प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे, प्रदेश सहप्रभारी विजया राहटकर, राष्ट्रीय संगठक वी सतीश और डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा मौजूद रहे. अलग अलग सीटों पर लोकसभा प्रभारी मंत्री, जिला अध्यक्ष, विधायकों से फीडबैक लिया गया. 

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