Rajasthan Politics: कोटा में जीत की हैट्रिक लगाएंगे बिरला या बागी मार लेंगे बाजी? जनता से मिले ये संकेत

Lok Sabha Election 2024: कोटा से भाजपा प्रत्याशी ओम बिरला जीत की हैट्रिक लगाते हैं या फिर कांग्रेस प्रत्याशी प्रहलाद गुंजन संसद जाएंगे. आइए आपकों बताते हैं नतीजों से पहले कोटा की जनता क्या कहती है.  

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कोटा से भाजपा प्रत्याशी ओम बिरला और कांग्रेस प्रत्याशी प्रहलाद गुंजन.

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव  की मतगणना का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. 4 जून को चुनाव के परिणाम सामने आएंगे. कोटा-बूंदी लोकसभा सीट पर मुकाबला रोचक देखने को मिला है. जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा यह तो 4 जून को मतगणना के बाद ही साफ होगा. 

5 विधानसभा क्षेत्र में 70% से ऊपर वोटिंग हुई 

लोकसभा सीट पर 8 विधानसभा है. 5 विधानसभा में इस बार 70% से ऊपर वोटिंग हुई है. सीट पर 20 लाख 88 हजार मतदाता हैं. 14 लाख 78 हजार मतदाताओं ने वोट डाला. पिछले चुनाव में 69.86% मतदान हुआ था. साल 1952 से अब तक साल 2024 चुनाव में पहली बार 71.42% रिकॉर्ड वोटिंग हुई है. 

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भाजपा नेता जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त   

साल 1952 में सीट पर मात्र 22.59% वोटिंग हुई थी. वोटिंग बढ़ने के बाद राजनीति दलों के अपने अपने कयास हैं.  बीजेपी इसके पीछे पीएम मोदी का क्रेज, 10 साल में देश मे हुए बदलाव, दुनियाभर में भारत का दबदबा और कोटा बून्दी में भाजपा प्रत्याशी लोकसभा की लोकप्रियता उनके द्वारा चलाए जा रहे हैं. सामाजिक विज्ञानों के साथ साल में किए गए कार्य देते हुए भाजपा के पक्ष में मतदान किया है. भाजपा के नेता जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हैं. 

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8 विधानसभा सीट पर 4 भाजपा और 4 पर कांग्रेस काबिज है 

भाजपा जिलाध्यक्ष राकेश जैन ने कहा कि कांग्रेस चुनाव में उत्साहित नजर आ रही है. क्योंकि, भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए प्रहलाद गुर्जर को कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया है.10 साल की सांसद के प्रति एंटी इंकम्बेंसी, जाति आधार वोट कांग्रेस के पक्ष में मिला है. ऐसा कांग्रेस का मानना है कांग्रेस भी जीत को लेकर दावा कर रही है. कोटा-बून्दी लोकसभा सीट की बात करें तो इस लोकसभा सीट पर 8 विधानसभा है. विधानसभा चुनाव में चार पर भाजपा और चार पर कांग्रेस काबिज है. लोकसभा चुनाव में  5 विधानसभा में इस बार 70% से अधिक वोटिंग हुई. लोकसभा सीट पर 20 लाख 88 हजार मतदाता हैं. 14 लाख 78 हजार मतदाताओं ने मतदान किया है.  

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ओम बिरला अब तक कोई चुनाव नहीं हारे 

महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राखी गौतम ने कहा कि बीजेपी प्रत्याक्षी ओम बिरला की बात की जाए तो उन्होंने अब तक कोई चुनाव नहीं हारा है. जब भी वो चुनाव लड़े जीत मिली. साल 2003,  2008, 2013 में MLA का चुनाव लड़ा. जीत दर्ज की. इसके बाद  2014 और 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ा. दूसरी बार सांसद बनते ही उनको लोकसभा स्पीकर का सवैधानिक पद मिला. 5 साल उन्होंने देश की संसद में बखूबी प्रदर्शन किया. उनके कार्यकाल में संसद में कई रिकॉर्ड कायम हुए. कांग्रेस प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल की बात करें तो अब तक 5 विधानसभा चुनाव लड़े और तीन में हार मिली, दो चुनाव जीते. गुंजल और बिरला में बीजेपी में रहते गहरी आदावत चल रही है. गुंजल ने यह चुनाव अपने चेहरे पर लड़ा. बिरला ने मैनेजमेंट खुद का रखा चुनाव पीएम मोदी के चेहरे पर लड़ा.सीट का मुख्य मुद्दा, कोटा का नया एयरपोर्ट बनाना है, बीजेपी ने मोदी की गारंटी करार देते, हर सूरत में एयरपोर्ट बनाने का वादा किया.  कांग्रेस ने एयरपोर्ट मामले को लेकर पूरे चुनाव में बीजेपी को इस मुद्दे पर घेरे रखा.  

यह है इतिहास

हाडोती बीजेपी का गढ़ माना जाता है.  सीट पर अब तक 16 लोकसभा चुनाव हुए, कांग्रेस-4, बीजेपी-6 और 3 बार भारतीय जनसंघ का कब्जा रहा. एक बार जनता पार्टी, एक बार भारतीय लोकदल और एक बार निर्दलीय ने चुनाव जीते. 

यह है इस सीट का जातिगत समीकरण 

कोटा-बून्दी लोकसभा सीट के जातिगत समीकरण की बात की जाए तो सबसे ज्यादा मुस्लिम मतदाता करीब 2.70 लाख हैं. मीणा मतदाता 2.25 लाख और ब्राह्मण 2.05 लाख हैं. गुंजल खुद गुर्जर जाति से आते हैं.  गुर्जर मतदाता भी इस सीट पर 1.90 लाख के आसपास हैं.  ऐसे में अभी तक गुर्जर मतदाताओं को बीजेपी का कोर वोटर माना जाता रहा है. गुर्जर मतदाताओं की संख्या लाडपुरा, केशोरायपाटन, बूंदी और रामगंजमंडी विधानसभा में ज्यादा है. लेकिन, प्रहलाद गुंजल खुद गुर्जर है. ऐसे में माना जा रहा है कि गुर्जर वोट कांग्रेस को मिल सकते हैं. 

ओबीसी वर्ग 5 लाख 80 हजार वोटर हैं 

कैटेगरी के अनुसार बात की जाए तो सबसे बड़ा तबका ओबीसी वर्ग है. 5.80 लाख वोटर हैं, जिनमें सबसे बड़ा तबका गुर्जर वर्ग का 1.90 लाख है. इसके बाद माली 1.20 लाख और फिर 1.05 लाख धाकड़ मतदाता है.  इसके अलावा कुम्हार, बंजारा, नाई, बैरागी, कश्यप, तेली, खाती, कुशवाहा, अहीर, यादव और जाट सहित कई जातियां हैं.  दूसरे नंबर पर जनरल मतदाता 5.10 लाख है.  इनमें 2.05 लाख ब्राह्मण मतदाता है.  अगला फिर वैश्य 1.15 लाख और राजपूत 1.10 लाख है.  सिंधी, पंजाबी, कायस्थ और ईसाई है.  तीसरे नंबर पर मतदाताओं की सबसे बड़ी तादाद अनुसूचित जाति की है.  इनकी संख्या 4.6 लाख के आसपास है.  

जातिगत समीकरण के आधार पर जीजात के कर रहे दावे 

दोनों ही पार्टियों ने मतदान के बाद विधानसभा वार और जातिगत समीकरण के आधार पर अपनी अपनी जीत के दावे किए हैं अब देखना होगा 4 जून को जब नतीजे आयगे जीत किसके खाते में दर्ज होती है. 

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