कैंसर के सस्ते इलाज का रोडमैप तैयार कर रहा राजस्थान, यहां हर साल 9.3 फीसदी लोग होते हैं शिकार

कैंसर (Cancer) एक जटिल बीमारी है, जो न केवल रोगी, बल्कि उसके पूरे परिवार पर अपना प्रतिकूल प्रभाव छोड़ती है. महंगे उपचार के कारण पूरा परिवार इस बीमारी से सालों तक परेशान रहता है.

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Rajasthan News: कैंसर को लेकर राजस्थान की सीएस शुभ्रा सिंह ने जयपुर में शुक्रवार को फिक्की (FICCI) की ओर से आयोजित 'रोड मैप फॉर मेकिंग कैंसर केयर अफोर्डेबल एंड एक्सीसिबल इन इंडिया- राजस्थान राउंड टेबल' कार्यक्रम को संबोधित किया. सीएस ने इस मीटिंग में कैंसर (Cancer) के प्रचार प्रसार और इलाज को लेकर चर्चा की.  साथ ही सस्ता एवं सुलभ अपचार के रोडमैप तैयार करने की बात कही.

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इन जिलों में चलाई जा रही हैं कैंसर वैन

उन्होंने आगे बताया कि फिलहाल अजमेर, बीकानेर, भतरपुर, कोटा, जोधपुर और उदयपुर जोन हैडक्वार्टर पर एक-एक तथा जयपुर में दो सहित कुल 8 कैंसर वैन संचालित की जा रही हैं। इस वैन में मेमोग्राफी, एक्सरें मशीन, कोलको स्कोपी, एंडोस्कोपी के उपकरण उपलब्ध हैं. उन्होंने कहा कि सीएसआर के माध्यम से इन कैंसर वैन की संख्या को बढ़ाकर जोन स्तर तक उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं.  जिलों में कैंसर यूनिट शुरू की जा रही है. जिला चिकित्सालयों से एक चिकित्साधिकारी और दो स्टाफ नर्स को एशियन कैंसर इंस्टीटयूट मुंबई से विशेष प्रशिक्षण दिलाया है. साथ इन्हें जिलों में चल रही कैंसर केयर यूनिट में नियुक्त किया गया है. जयपुर में अपेक्स कैंसर इंस्टीट्यूट, स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट, बीकानेर और झालावाड़ में टर्सरी कैंसर सेंटर संचालित हैं. साथ ही जयपुर और बीकानेर में पीईटी स्केन की सुविधा भी उपलब्ध है. 

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राजस्थान में हर साल 9.3 प्रतिशत लोग  बनते हैं कैंसर का शिकार

इस विषय पर उन्होंने आगे कहा कि कैंसर एक जटिल बीमारी है, जो न केवल रोगी, बल्कि उसके पूरे परिवार पर अपना प्रतिकूल प्रभाव छोड़ती है. महंगे और लंबे उपचार के कारण पूरा परिवार इस बीमारी से सालों तक परेशान रहता है. आंकड़ों के अनुसार दुनिया में 17.9 प्रतिशत, भारत में 9.9 तथा राजस्थान में 9.3 प्रतिशत मौते कैंसर से होती है.  कैंसर रोग की शीघ्र पहचान होने पर अगर उसका सही समयर पर उपचार किया जाए तो रोगी को बचाया जा सकता है. 

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विकसित भारत संकल्प यात्रा में हुई था  एक करोड़ लोगों की कैंसर स्क्रीनिंग 

उन्होंने आगे इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि विभाग के जरिए लीवर कैंसर की रोकथाम के लिए हैपेटाइटिस-बी का टीका हर किसी को लगाया जा रहा है. वहीं सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए एचपीवी के टीके को यूनिवर्सल टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल करने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.  जिला अस्पतालों से लेकर उप-स्वास्थ्य केंद्र तक तीन प्रकार के कॉमन कैंसर जैसे ऑरल, ब्रेस्ट और सर्विकल कैंसर की स्क्रीनिंग भी नियमित रूप से की जा रही है. विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान प्रदेश में एक करोड़ से अधिक लोगों की कैंसर स्क्रीनिंग की गई थी.

उन्होंने आगे जानकारी देते हुए  बताया कि आईसीएमआर-एनसीडीआईआर बैंगलोर के तकनीकी सहयोग से कैंसर मरीजों के प्रमाणित डाटा के लिए कैंसर के संबंध में पॉलिसी तैयार की जा रही है.

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