Rajasthan: जिंदगी बचाने वाले टीके ने ली मासूम की जान, अस्पताल के बाहर धरने पर बैठे परिजन

Rajasthan News: दौसा के एक निजी गोयल अस्पताल में नवजात बच्ची की मौत का मामला सामने आया है. मासूम की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया. मामले पर बीते शनिवार को मृतक बच्ची के परिजनों और गुस्साए ग्रामीणों ने बांदीकुई शहर के बडियाल रोड पर जाम लगा दिया था.

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Dausa News

Dausa News: प्रदेशभर से अक्सर गलत इलाज और गलत इंजेक्शन के कारण महिलाओं और नवजात शिशुओं की मौत की खबरें सामने आती रही हैं. ऐसा ही एक मामला दौसा के एक निजी गोयल अस्पताल में नवजात बच्ची की मौत का मामला सामने आया है. मासूम की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया. मामले पर बीते शनिवार को मृतक बच्ची के परिजनों और गुस्साए ग्रामीणों ने बांदीकुई शहर के बडियाल रोड पर जाम लगा दिया था और अस्पताल पर कार्रवाई की मांग को लेकर करीब डेढ़ घंटे तक रोड जाम रखा था. इसके कारण बसवा और बांदीकुई पुलिस ने मौके पर पहुंचकर धरने पर बैठे लोगों से समझाइश कर जाम खुलवाया.

बीसीजी और हेपेटाइटिस बी का लगाया गलत टीका

नवजातों को लगाया गया था गलत टीके

मामला दौसा जिले के बांदीकुई के एक निजी अस्पताल में जीवन रक्षक टीके का है जो सीरम इंस्टीट्यूट के जरिए बनाया गया था. ये दो नवजातों की जिंदगी पर मौत का साया मंडराने लगा था. जिसमें से एक की मौत हो गई. मरने वाली नवजात बच्ची के परिजन नवल किशोर ने बताया कि जन्म के करीब 15 से 20 मिनट बाद ही अस्पताल प्रशासन ने बच्चों को सीरम इंस्टीट्यूट के बीसीजी और हेपेटाइटिस बी का टीका लगाया था, जिसके लगने के कुछ देर बाद बच्चों की हालत बिगड़ गई और वे बेहोश हो गए.मृतक बच्ची के पिता ने आरोप लगाया था कि टीकाकरण और बेहोशी के चार घंटे बाद भी अस्पताल प्रशासन ने बच्ची को अस्पताल में ही रखा और रेफर नहीं किया. इसी कारण बच्ची की मौत हो गई.

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बच्ची की जेके लोन अस्पताल में इलाज के दौरान हुई मौत

मामले को लेकर बसवा थानाधिकारी सचिन शर्मा ने बताया कि नवजात की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल पर टीकाकरण में धांधली का आरोप लगाया. और बसवा थाने में नवजात की मौत का मामला दर्ज कराया. पुलिस ने बताया कि बच्ची का पोस्टमार्टम कराया गया और बच्ची को परिजनों को सौंपने के बाद नियमानुसार कार्रवाई करने की बात कही है. गोयल अस्पताल के निदेशक डॉ. मुकेश गोयल ने बताया कि शुक्रवार को हमारे अस्पताल में दो महिलाओं ने बच्चों को जन्म दिया था. पैदा होने के बाद दोनों नवजात शिशुओं को 9 अगस्त को हेपेटाइटिस बी और बीसीजी के टीके लगाए गए थे. ये टीके सीरम इंस्टीट्यूट के बनाए गए थे. नर्स के टीकाकरण करने के कुछ देर बाद दोनों बच्चे बेहोश हो गए और उनकी तबीयत बिगड़ने लगी. इसपर उन्हें जयपुर रेफर कर दिया गया, जिसमें एक बच्ची की जेके लोन अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई और दूसरी स्वस्थ है. वहीं इस मामले में अस्पताल प्रशासन का कहना है कि हम सीरम इंस्टीट्यूट के टीके इस्तेमाल करते हैं, संभव है कि कहीं कोई कमी रही होगी, इसी कारण एक साथ दो बच्चों में टीके का रिएक्शन हुआ.फिलहाल पुलिस मामले की गहन जांच में जुटी है.

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