Rajasthan News: राजस्थान में पीटीआई भर्ती परीक्षा 2022 में फर्जी डिग्री देने वाली जेएस यूनिवर्सिटी को लेकर कई बड़े खुलासे हुए हैं. यूनिवर्सिटी के चांसलर सुकेश यादवस रजिस्ट्रार नंदन मिश्रा और दलाल अजय भारद्वाज 12 मार्च तक पुलिस रिमांड पर हैं. एसओजी की पूछताछ में चौंकाने वाली बात सामने आई है. जेएस यूनिवर्सिटी ने कैंडिडेट से एक डिग्री के लिए औसतन एक लाख रुपये लिए. जांच में यह भी पता चला है कि यूनिवर्सिटी ने सिर्फ पीटीआई भर्ती में ही नहीं, बल्कि लाइब्रेरियन भर्ती परीक्षा, जेईएन भर्ती परीक्षा, सीएचओ भर्ती परीक्षा में भी कैंडिडेट्स को डिग्री दी.
दूसरे राज्यों के भी कैंडिडेट को दी डिग्री
एसओजी की जांच में यह भी बात सामने आई है कि यूनिवर्सिटी ने सिर्फ राजस्थान में ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को भी सर्टिफिकेट दिए हैं. पीटीआई भर्ती में 2067 अभ्यर्थियों ने बताया था कि उन्होंने जेएस यूनिवर्सिटी से डिग्री ली है. चयनित अभ्यर्थियों में 245 ने खुद को जेएस यूनिवर्सिटी का विद्यार्थी बताया था, लेकिन यूनिवर्सिटी को मान्यता मिलने के बाद यूनिवर्सिटी 600 अभ्यर्थियों को ही डिग्री दे सकती थी.
जांच की दायरे में कई यूनिवर्सिटी
दो दर्जन से अधिक चयनित अभ्यर्थियों ने आवेदन के समय खुद को जेएस यूनिवर्सिटी का विद्यार्थी बताया था और बाद में उन्होंने दूसरे यूनिवर्सिटी का सर्टिफिकेट जमा कराया. एसओजी के डीआईजी परिस देशमुख ने बताया कि पीटीआई भर्ती के आवेदनों के डेटा के विश्लेषण से कुछ ऐसे यूनिवर्सिटी का पता चला जिन्होंने स्वीकृत सीटों से ज्यादा विद्यार्थियों को डिग्री बांटी थी.
डमी कैंडिडेट या ब्लूटूथ के सहारे पास की परीक्षा
एसओजी को संदेह है कि जिन अभ्यर्थियों ने फर्जी डिग्री के सहारे नौकरी ली है, उन्होंने या तो डमी कैंडिडेट बिठाए थे या ब्लूटूथ के जरिए चोरी कर परीक्षा पास की थी. पीटीआई भर्ती में एसओजी ने गड़बड़ियों की विस्तृत रिपोर्ट शिक्षा विभाग को पहले ही सौंपी थी. अब मामले में और नए खुलासे हो रहे हैं.
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