Rajasthan News: सवाई माधोपुर जिले के खंडार उपखंड क्षेत्र के बड़ौद गांव में सरकारी जमीन पर हो रहे अतिक्रमण को हटाने पहुंचे पुलिस एंव प्रशासन के अधिकारियों के उस वक्त हाथ पांव फूल गए, जब अपना आशियाना उजड़ता देख एक महिला ने प्रशासन के सामने ही जहरीली कीटनाशक दवा का सेवन कर लिया और बेसुध होकर नीचे गिर गई. महिला के कीटनाशक पीने और बेसुध होकर गिरने से मौके पर मौजूद पुलिस एंव प्रशासन के अधिकारी सक्ते में आ गए और अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही को तुरंत बंद कर बेसुध महिला को अचेत अवस्था मे आनन-फानन में पुलिस वाहन से खंडार अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने महिला को प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर हालत में जिला अस्पताल रेफर कर दिया. फिलहाल महिला का जिला अस्पताल में उपचार जारी है. चिकित्सकों के मुताबिक महिला अब खतरे से बाहर है.
10 साल पहले बने मकान को तोड़ने की कोशिश
जानकारी के अनुसार खंडार उपखण्ड के बड़ौद गांव के पास स्थित एक तलाई की सरकारी जमीन पर अतिक्रमण से जुड़ा मामला है. इस जमीन पर पीड़ित 45 वर्षीय महिला रुकमणी देवी पत्नी कपूर चंद मीणा निवासी बड़ोद करीब दस वर्ष से मकान बनाकर रह रही है. उक्त जमीन पर महिला ने मकान भी बना रखा है और पांच बीघा से अधिक जमीन पर अमरूद का बगीचा भी लगा रखा है. उक्त जमीन सरकारी बताई जा रही है. उक्त सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए मंगलवार शाम को खंडार तहसीलदार धर्मेंद्र तसेरा, खंडार थाना अधिकारी गिर्राज प्रसाद वर्मा पुलिस जाब्ता एवं राजस्व विभाग की टीम के साथ मौके पर पहुंचे और सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही शुरू की. पुलिस एंव प्रशासन की अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही का महिला रुक्मणि देवी ने विरोध किया, लेकिन प्रशासन की टीम ने महिला एवं उसके पति की एक नहीं सुनी और अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही शुरू कर दी और एक पानी की सीमेंट की टंकी को तोड़ दिया. पुलिस एवं प्रशासन की टीम की अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही को देख महिला घबरा गई और अपनी आंखों के सामने ही अपना आशियाना उजड़ता देख प्रशासन की मौजूदगी में ही महिला ने जहरीली कीटनाशक दवा का सेवन कर लिया, जिससे महिला कि अचानक तबीयत बिगड़ गई और वो बेसुध होकर गिर गई.
पूरे परिवार को जेल भेजने की दी थी धमकी
महिला के बेसुध होने पर अतिक्रमण हटाने पहुंचे पुलिस एंव प्रशासनिक अधिकारियों के होंस उड़ गए. उन्होंने तुरंत अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही को बंद किया और बेसुध महिला को अचेत अवस्था में पुलिस वाहन से खंडार अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद महिला की गंभीर हालत में जिला अस्पताल रेफर कर दिया. इसके बाद महिला के परिजन 108 एंबुलेंस की सहायता से महिला को गंभीर हालत में उपचार के लिए जिला अस्पताल लेकर आए, जहां चिकित्सकों ने महिला का उपचार किया. चिकित्सकों के मुताबिक महिला अब खतरे से बाहर है. चिकित्सकों द्वारा उपचार करने और महिला के खतरे से बाहर बताने के बाद ही पुलिस एंव प्रशासनिक अधिकारियों ने राहत की सांस ली. महिला के परिजनों एवं ग्रामीणों के मुताबिक बड़ोद गांव में अतिक्रमण हटाने पहुंचे पुलिस एंव प्रशासन ने जमीन कब्जा शुदा किसान कपूरचंद मीना सहित पूरे परिवार के सदस्यों को जेल भेजने की धमकी दी थी. अपना आशियाना उजड़ता देख एवं पुलिस एवं प्रशासन की धमकी से डरी हुई महिला रुकमणी देवी ने कीटनाशक दवा का सेवन कर अपने प्राण त्यागने की कोशिश की है.
अधिकारियों के तबादले की उठने लगी मांग
पीड़ित महिला और उसके पति का कहना है कि प्रशासन द्वारा उन्हें ना तो कोई नोटिस दिया गया और ना ही कोई सूचना दी गई और बिना सूचना के ही टीम अतिक्रमण हटाने पहुच गई. प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने के नाम पर किसी को धमकाना गलत है. अतिक्रमण हटाना हो तो कानूनी कार्रवाई कर हटाना चाहिए. दूसरी और प्रशासन दस वर्ष से कहां पर बैठा हुआ था? पीड़ित किसान द्वारा जमीन पर मकान बनाकर बगीचा तक तैयार कर लिया गया है, जब बगीचे तैयार होने के बाद प्रशासन जागा और अतिक्रमण हटाने पहुंचा. बगीचा नहीं लगाया और ना ही मकान बनाया उससे पहले प्रशासन ने अतिक्रमण क्यों नही हटाया. स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि ऐसे लापरवाह अधिकारियों का तबादला होना चाहिए और इस प्रकरण में उच्च स्तरीय जांच करवाई जानी चाहिये. वहीं इस पूरे घटना क्रम पर पुलिस एंव प्रशासन ने पूरी तरह से चुप्पी साध रखी ह और कोई भी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.