एक्सीडेंट में लहूलुहान बेटे का शव नहीं पहचान पाए पिता, खुद एंबुलेंस से उतारकर मोर्चरी में रखवाया, घर पहुंचते ही लगा सदमा

Banswara Road Accident: बांसवाड़ा के भगतपुरा में भीषण सड़क हादसे में 19 वर्षीय छात्र समेत तीन की मौत हो गई. मानवीयता दिखाते हुए घायलों की मदद करने वाले एक पिता ने अस्पताल में अपने ही बेटे के शव को नहीं पहचाना. घर पहुंचकर उन्हें इस दुखद सच्चाई का पता चला.

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बांसवाड़ा में भीषण हादसा: मानवता दिखाते हुए घायलों की मदद करने वाले पिता ने नहीं पहचाना बेटे का शव
NDTV Reporter

Rajasthan News: राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में बुधवार रात दो मोटरसाइकिलों की आमने-सामने टक्कर में 3 युवकों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 2 गंभीर रूप से घायल हो गए. इस एक्सीडेंट के बाद, जो शख्स सबसे पहले मदद के लिए आगे आया, उसे घर पहुंचकर अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा सदमा लगा. उसे बताया गया कि जिन लहूलुहान शवों को वो अस्पताल पहुंचाकर आ रहा है उनमें उसका अपना बेटा भी शामिल है, जिसे वो पहचान न सका.

अपनी गाड़ी से अस्पताल पहुंचाया

स्थानीय समाजसेवी हरिश्चंद्र कलाल ने बताया, ' एक्सीडेंट की खबर मिलते ही मैं अपने साथी जेफरीन के साथ मदद के लिए तुरंत मौके पर पहुंचा. हमने बिना किसी देरी के, घायल और लहूलुहान पड़े युवकों को अपनी प्राइवेट गाड़ी में डाला और उन्हें तत्काल जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां उन्हें भर्ती कराया गया. उस समय हमारे मन में बस एक ही विचार था कि किसी भी तरह इन जिंदगियों को बचाया जाए.'

पिता ने ही उतारे अपने बेटे के शव

कलाल ने आगे बताया, 'घायलों को भर्ती कराने के बाद, जब पुलिस ने मृतकों के शव एम्बुलेंस से अस्पताल की मोर्चरी तक पहुंचाए, जेफरीन ने खुद आगे बढ़कर शवों को उतारने में मदद की. चूंकि शव पूरी तरह से लहूलुहान थे, इसलिए उनकी पहचान कर पाना बेहद मुश्किल था. जेफरीन ने निस्वार्थ भाव से उन शवों को उतारा, यह न जानते हुए कि जिस एक बेजान शरीर को वह मोर्चरी में रखवा रहे हैं, वह उनके 19 वर्षीय बेटे एरोन का है.'

एरोन भगतपुरा सेनावासा का निवासी था और 11वीं कक्षा में पढ़ता था.

घर पहुंचते ही मिली बेटे के मौत की खबर

घायलों और मृतकों को अस्पताल में सौंपने के बाद, जेफरीन और हरिश्चंद्र कलाल जब देर रात घर पहुंचे, तब नियति ने अपना सबसे क्रूर खेल दिखाया. उन्हें जानकारी मिली कि भगतपुरा हादसे में मारे गए तीन युवकों में उनका बेटा एरोन भी शामिल है. इस खबर को सुनते ही जेफरीन और उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. जिस बेटे के शव को वह कुछ देर पहले अस्पताल में अंजान मानकर उतार रहे थे, उसकी मौत की खबर ने उन्हें स्तब्ध कर दिया. बेटे की मौत की खबर सुनते ही जेफरीन का रो-रोकर बुरा हाल हो गया. वो अभी तक सदमे में हैं.

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हादसे में हताहत और कारण

इस भीषण हादसे में तीन युवकों ने जान गंवाई है:

  • ऐरोन पुत्र जेफरीन (19 वर्ष, निवासी भगतपुरा सेनावासा)
  • रमेश पुत्र कोदर कटारा (30 वर्ष, निवासी पलोदरा)
  • खोमा चरपोटा पुत्र बबला चरपोटा (32 वर्ष, निवासी खोमा)

इसके अलावा, दो युवक गंभीर रूप से घायल हुए हैं—वीरेंद्र प्रजापत (सेनावासा) और रामा पुत्र गौतम दायमा (पलोदरा). उनकी हालत की गंभीरता को देखते हुए उन्हें देर रात उदयपुर रेफर किया गया है. पुलिस के शुरुआती आकलन के मुताबिक, यह भीषण हादसा तेज रफ्तार और लापरवाही से वाहन चलाने के कारण हुआ.

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